4 बेटियों ने दिया मां की अर्थी को कंधा, और बेटियों ने ही किया अंतिम संस्कार, समाज के लिए है यह बड़ी प्रेरणा

(पंकज कुर्रे)

जांजगीर-चाम्पा/ जिले के नवागढ़ क्षेत्र ग्राम केरा में एक परिवार की चार बेटियों ने रूढ़ियों की बेड़ियां तोड़कर एक मिसाल पेश की है। गांव में चार बेटियों ने अपनी मां की अर्थी को कंधा दिया है। इस अद्भुत दृश्य ने उन परंपराओं को चुनौती दी, जो हमेशा यह मानती रही हैं कि अंतिम संस्कार में केवल बेटे ही हिस्सा ले सकते हैं।

समाज के लिए प्रेरणा बना बेटियों का यह कदम :

वृद्ध मां जमुना मनहर की निधन के बाद बेटियों ने अपनी मां के शव हॉस्पिटल से घर लेजाने एम्बुलेंस सजाया। फिर मां की अर्थी को बेटियों ने कंधा दिया और बेटियों ने अंतिम संस्कार किया। दअरसल, जमुना मनहर की 4 बेटियां और 2 बेटे हैं। बेटों की जगह वह अपनी बेटियों के पास रहती थी और बेटियां ही देखभाल कर इलाज करवाती थी। इसी दौरान अपने मां की मौत के बाद बेटियों ने तय किया कि वे अपनी मां की अर्थी को कंधा देगी और अंतिम संस्कार करेगी। फिर चारों बेटियों ने अपनी मां की अंतिम यात्रा की सभी रस्म पूरा किया।