सच्चा सद्गुरु ही तीन समय की पूजा विधि बताता है:संत रामपाल जी महाराज

पंकज कुर्रे
पामगढ़। जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में सदभावना भवन नगर पंचायत पामगढ़ में एक दिवसीय ऐतिहासिक आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन प्रोजेक्टर स्क्रीन के माध्यम से किया गया। जिसमे हजारों की संख्या में (devotees) श्रद्धालुजन सत्संग सुनने के लिए उपस्थित हुए।
सतसंग में बताया गया मानव जीवन केवल परमात्मा प्राप्ति के लिए हुआ है। शास्त्रविधि अनुसार साधना करके ही मोक्ष को प्राप्त किया जा सकता है। पाप कर्म का कष्ट सद्भक्ति में करने से कटता है। पूर्ण सतगुरु से नामदीक्षा लेने के पश्चात साधक के पाप कर्म समाप्त हो जाता है लेकिन हमारे सामने प्रश्न यह आता है की आखिर कौन से संत द्वारा बताई गई भक्ति साधना सही है क्योंकि वर्तमान समय में हजारों गुरु हो गए हैं और सभी कहते हैं कि उनकी भक्ति करने से मोक्ष होगा, वे ही पूर्ण गुरु हैं। लेकिन पूर्ण गुरु कौन है, इसकी पहचान गीता अध्याय 15 श्लोक 1 – 4, 16, 17 में कहा गया है जो संत इस संसार रूपी उल्टे लटके हुए वृक्ष के सभी विभाग बता देगा एवं गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में वर्णित तीन मंत्रों की दीक्षा देगा वह पूर्ण गुरु/सच्चा संत है। इसके अतिरिक्त यजुर्वेद अध्याय 19 मंत्र 26 में लिखा है कि सच्चा गुरु तीन समय की पूजा बताएगा, प्रातःकाल पूर्ण परमात्मा की पूजा करेगा, दोपहर में विश्व के देवताओं का ध्यान करेगा तथा संध्या आरती अलग-अलग बताएगा वह विश्व का पूर्ण संत है। ऐसी भक्ति साधना प्रदान करने वाले तत्वदर्शी संत वर्तमान समय में केवल संत रामपाल जी महाराज हैं। जिनके द्वारा बताई गई भक्ति साधना से ही जीव का मोक्ष संभव है। संत रामपाल जी महाराज ने मानव को सही जीवन जीने के आदर्शों को सिखाया। संत रामपाल जी महाराज के शिष्य बनने के लिए कुछ नियम होते हैं जिनका आजीवन पालन करना होता है। उनमें प्रमुख है नशा न करना,दहेज का आदान प्रदान न करना। आज लाखों लोग संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर नशा पूरी तरह से छोड़ चुके हैं, आध्यात्मिक एवं नैतिक जीवन जी रहे है।
इस ऐतिहासिक सत्संग कार्यक्रम में बिलासपुर संभाग कोआर्डिनेटर जगतदास महंत, मुकेश पटेल, रामानंद पटेल, सत्येन्द्र, राजेन्द्र साहू, श्याम साहू, रामचरण साहू, उमाशंकर साहू, रुपचंद बघेल,शांतनु चंद्रा,देव कुमार मधुकर,उपस्थित रहे।