सड़क दुर्घटना में बंदर की मौत…ग्रामीणों ने हिंदू रीति-रिवाज से किया अंतिम संस्कार

(मिथिलेश वर्मा )
सुहेला: क्षेत्र के ग्राम रावन में सड़क दुर्घटनाओं में आए दिन जान-माल का नुकसान होता है, और ये घटनाएँ न केवल इंसानों के लिए बल्कि अन्य जीव-जंतुओं के लिए भी खतरनाक साबित होती हैं। हाल ही में एक ऐसी ही दुखद घटना घटी, जिसमें एक बंदर भारी स्पीड से आ रहे वाहन की चपेट में आकर मृत्यु के शिकार हो गया। यह घटना न केवल गाँववासियों के लिए शोक का कारण बनी, बल्कि इसने एक अनूठी और प्रेरणादायक पहल को भी जन्म दिया। गाँव के युवाओं ने मिलकर उस मृत बंदर का विधिपूर्वक अंतिम संस्कार किया, जो न केवल उनकी मानवता का परिचायक था, बल्कि यह दर्शाता था कि वे प्रकृति और सभी जीव-जंतुओं का सम्मान करते हैं।
बंदरों को अक्सर हनुमान जी का रूप माना जाता है, और उनकी पूजा की जाती है। हनुमान जी भारतीय संस्कृति और धर्म में अत्यधिक सम्मानित देवता माने जाते हैं।
युवाओ ने यह तय किया कि बंदर का अंतिम संस्कार विधिपूर्वक किया जाएगा, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके और यह भी सुनिश्चित किया जा सके कि उसका सम्मान सही तरीके से हो। इस निर्णय को लेकर गाँव के युवा भवीन वर्मा, राजू वर्मा और गुलशन वर्मा जोश और श्रद्धा से भरे हुए थे, और वे इसे अपनी जिम्मेदारी मानते थे।
सभी युवाओं ने मिलकर आवश्यक सामग्री जुटाई, जिसमें नारियल, अगरबत्ती, लालकपड़ा, बंदन, गुलाल,और अन्य पूजन सामग्री शामिल थींl

ग्राम के प्रसिद्ध मंदिर बावा देव जाने वाले मार्ग के तालाब किनारे के पास गढ्ढा खोदकर विधि पूर्वक पूजा पाठ कर अंतिम संस्कार किए युवाओ ने मिलकर जयकारा और पूजन किया। इस दौरान, कुछ लोग हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे थे, ताकि बंदर की आत्मा को शांति मिले और उसे स्वर्ग में स्थान मिल सके। यह दृश्य सच में बहुत ही प्रभावशाली था। यह घटना केवल एक दुखद दुर्घटना नहीं थी, बल्कि इसने समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। यह संदेश था कि हमें न केवल इंसानों का, बल्कि सभी जीव-जंतुओं का भी सम्मान करना चाहिए। बंदर, जो हनुमान जी का रूप माने जाते हैं, को यह सम्मान देने के लिए गाँव के युवाओं ने जो कदम उठाया, वह अन्य समाजों के लिए एक उदाहरण बन गया।इसके अलावा, यह भी दिखाता है कि हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण में सभी प्राणियों के लिए स्थान है।
ग्राम के युवाओं द्वारा मृत बंदर का विधिपूर्वक अंतिम संस्कार न केवल एक धार्मिक कर्तव्य था, बल्कि यह मानवता और सम्मान का प्रतीक था। इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया कि समाज में जब भी कोई संकट आता है, तो अगर हम एकजुट हो जाएं और अपने धार्मिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों का पालन करें, तो हम न केवल खुद को, बल्कि पूरे समाज को एक नई दिशा दे सकते हैं। इस प्रकार की घटनाएँ हमें यह सिखाती हैं कि हमें जीवन के सभी पहलुओं में संवेदनशील और सहानुभूति से काम लेना चाहिए, चाहे वह इंसान हो या कोई अन्य जीव-जंतु।

ग्रामीण भवीन वर्मा ने बताया ग्राम रावन के बस्ती से होते हुए रावन प्लांट से पडकीडीह जाने वाले मुख्य मार्ग में दर्दनाक घटना घटीं जिसमें भारी स्पीड वाहन के चपेट में आने से बंदर को ठोकर लगा जिससे उसकी तत्काल मृत्यु होने गई वाहन वाला भाग गया रुका भी नहीं उसके स्थान पर कोई छोटा बच्चा, स्कूली छात्र, बुजुर्ग, महिला, पुरुष कोई भी हो सकता था शासन प्रशासन से मांग है कि वाहन स्पीड नियंत्रण पर कार्यवाही करावें l कहा जाता है बंदर हनुमान जी का रूप होता है विधि पूर्वक से अंतिम संस्कार किए l इसके पहले दुर्घटना में मृत्यु हुए गौ माता का भी अंतिम संस्कार भी कर चुके है l इसलिए लगा कि अंतिम संस्कार किया जावे l लोगों से कहना चाहूँगा मोबाइल में स्टैटस, वात्सअप भेजने जय श्री राम , जय गौ माता बोलने , दूर से देखने मात्र से ही कुछ नहीं होगा जमीनी स्तर कार्य करना होगा , आप भी करे हमे हिन्दू होने पर गर्व है l

ग्राम के युवाओं का यह कार्य प्रेरणादायक है, और यह हमें याद दिलाता है कि सच्चे श्रद्धा भाव से किया गया कार्य कभी व्यर्थ नही जाता l