मानस विदुषी ने कहा हिंदू क्रिसमस नही तुलसी पूजन दिवस मनाये

(रौनक साहू)
बलौदाबाजार। स्व. श्री सोनचंद वर्मा स्मृति फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित दिव्य संगीतमयी श्री रामकथा के सात दिवसीय आयोजन में अयोध्याधाम से पधारी सुप्रसिद्ध कथा वाचिका, मानस विदुषी ने अपने संगीतमय वाचन से हजारों श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर शिव और पार्वती देवी के विवाह का भव्य प्रसंग सुनाया गया।
दूसरे दिन की कथा में शिव-पार्वती विवाह के दौरान छत्तीसगढ़ी धुन पर गाए भजनों ने श्रोताओं में अद्भुत ऊर्जा का संचार किया। श्रद्धालु भजनों की मधुर धुन पर झूम उठे। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री माननीय टंक राम वर्मा भी भजनों पर थिरकते नजर आए। कथा वाचिका मानस विदुषी ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाते हुए बताया कि शिव जी सभी जीव-जंतुओं के देवता हैं। उनके विवाह में भूत, पिशाच और सभी जीव-जंतु बाराती बनकर पहुंचे थे, जिससे पार्वती देवी के घरवाले भयभीत हो गए थे। विदुषी के वाचन ने भक्तों के दिलों को छू लिया।
कथा के दौरान मानस विदुषी ने 25 दिसंबर को क्रिसमस के बजाय हिंदुओं को तुलसी पूजन दिवस मनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यदि इस दिन कोई पर्व मनाना ही है तो सिख धर्म के वीर बाल दिवस को प्राथमिकता दें, जो 26 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है, जिन्होंने धर्म और सिद्धांतों की रक्षा के लिए प्राण त्याग दिए थे।
आगामी तीसरे दिन श्रीराम जन्म के दिव्य प्रसंग का वाचन किया जाएगा। श्रीरामकथा आयोजन समिति के मुख्य संयोजक माननीय पुष्पराज टंक राम वर्मा ने सभी श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में कथा में सम्मिलित होने का आग्रह किया है, यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए भक्ति और अध्यात्म की गंगा प्रवाहित कर रहा है।