धूमधाम से मनाया गया विश्व ब्राह्मण दिवस, विप्र वाटिका में किया गया भगवान श्री परशुराम जी का पूजन

(मदन खाण्डेकर)
“रिजुः तपस्वी सन्तोषी क्षमाशीलो जितेन्द्रियः। दाता शूरो दयालुश्च ब्राह्मणस्ते स्मृतो द्विजा:” यानी सीधा, तपस्वी, संतुष्ट, क्षमाशील, जितेन्द्रिय, दाता, साहसी, दयालु, वह ब्राह्मण कहा जाता है.
बिलाईगढ ।प्राचीन कल से सनातन धर्म में चार वर्णों का महत्व है. ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र. ये चारों एक दूसरे के पूरक हैं. किसी एक के बिना सनातन धर्म की कल्पना नहीं की जा सकती. सभी की अपनी उपयोगिता है. हमारी संस्कृति में ब्राह्मणों का भी विशेष योगदान रहा है. यही वजह है कि आज भी विप्रों को पूजनीय भाव से देखा जाता है.
आज विश्व ब्राह्मण दिवस के अवसर पर नगर के विप्र वाटिका में कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें भगवान श्री परशुराम जी की पूजा-अर्चना की गई. इसी के साथ एकता का सन्देश दिया गया.
इस दौरान अध्यक्ष श्याम शुक्ला जी, राजकुमार तिवारी जी, विष्णुधार दीवान, प्रमोद शर्मा जी, मनोज दुबे जी, राजीव लोचन शुक्ला, संतोष तिवारी, प्रभाकर मिश्रा, नितेश शर्मा, प्रवीण पांडेय, संकेत शुक्ला, संजय शर्मा, समीर शर्मा, रामनरेश मिश्रा, दीपक सुरेंद्र बाजपेई, कमलाकांत बाजपेई, नरेंद्र शुक्ला, शिव नरेश मिश्रा, सुशील तिवारी आदि विप्रजन उपस्थित रहे.