आखिर मुम्बई की घटना से सबक, क्यो नही ले रही नपा प्रशासन ?

(संजीत सोनवानी)

जय स्तंभ चौक से लेकर इंद्रा चौक तक फैला होडिंग का जाल, लाखो बकाया फिर भी विभू सूरी पर नपा मेहरबान क्यो ?


शहडोल।  .मध्यप्रदेश शासन के नियमो को ठेंगे पर रख कर यूनिक एडवरटाजिंग कम्पनी द्वारा नगरपालिका से किस कार्य का टेेन्डर लिया है, और क्या कर रही है, यह अंधेरे मे है।

कुछ ऐसा ही मामला शहडोल नगर पालिका अन्तर्गत यूनिक एडवरटाइजिंग कम्पनी को टेन्डर किया गया, जिसके कुछ नियम बतौर शासन द्वारा शपथ पत्र लिया गया , जिसमे स्पष्ट लेख है कि शहर के ब्लिंकर (सडको पर लगे खम्भे) एवं सिगनल पर 40×30 या 36×72 एवं 48×96,, 40×30,, 36×72 शहर मे विज्ञापन हेतु 10 सालो तक एकाधिकार रहेगा। उसी शपथ पत्र मे पांचवी लाइन मे ब्लिंकर को काट कर होडिर्गं लेख कर दिया गया है।

ब्लिंकर की जगह होडिंग 

नगरपलिका को दिये गये शपथ पत्र मे कम्पनी द्वारा ब्लिंकर की जगह काट कर होडिर्गं लिखा गया है, जो अपराध की श्रेणी मे आता है, परंतु नगर पालिका विभू सूरी को आखिरकार अभयदान क्यो दे रही है ? यह समझ से परे है। पत्र मे स्पष्ट दिखाई देता है कि किस तरह से यह कम्पनी ब्लिंकर के जगह होडिर्गं का कार्य कर रही है जो नियम के विरूद्व है।

ब्लिंकर से नही मिल रही जनसुविधा 

शासन के नियमानुसार नगर पालिका अधिकारी को शहर मे दिये गये टेंडरो का समय -समय पर निरीक्षण कर वरिष्ठ अधिकारियो को अवगत कराना चाहिए, परंतु ऐसा नही होता । ट्रैफिक सिग्नल, यातायात व जनसुविधा उल्लेख है,,, पर यहां तो विज्ञापन तो दूर सभी ब्लिंकर पर नेताओ या धार्मिक पोस्टर लगे हुए है , इससे किस प्रकार की जनसुविधा मिलती होगी ? या फिर ऐसे चित्र देख कर क्या घटना घटती होगी ? यह निर्णय यातायात का है जो सिंग्नल पर विज्ञापन लगाने का अधिकार देती है ।

जबकि शपथपत्र मे स्पष्ट लेेख है कि अगर राजनैतिक विज्ञापन लगाया जाता है तो नगर पालिका अधिकारी को एंकल अधिकार उक्त करार नामा निरस्त करने का अधिकार है।

ब्लिंकर किसे कहते है 

शहर के अधिकांश लोगो केा ब्लिंकर किसे कहते है,, नही पता और न ही शायद कुछ कमर्चारी अधिकारी का पता होगा , क्योकि यह ऐसा शब्द है जिसे पता करना आसान नही है ।

जानकारो का कहना है कि ब्लिंकर शहर मे बने डिवाइडरो के बीचो – बीच लगे लाइट वाले खम्भे मे लगाये जाते है, जो गांधी चौक से लेकर बगिया तिराहा तक ऐसे पोल (खम्भे) लगे हुए है,, जिसमे पोस्टर लगा कर एडवरटाइज किया जा सकता है। इसके अलावा कोई कम्पनी जो टेंडर ली है वह अन्य स्थान पर एडवरटाज नही कर सकता ।

कम्पनी द्वारा नपा से किया करारनामा

नगर पालिका और यूनिक एडवरटाईजिंग कम्पनी द्वारा करार नामा तय होता है, जिसमे क्षेत्रफल का जिक्र रहता है, उसी आधार पर यातायात एवं नपा विज्ञापन हेतु बी.टीओ. योजना के तहत प्रीमियम जमा कराकर कायर् करने देती है । परंतु जो करारनामा बताया गया है उसके अनुसार कोई कार्य नही किये जाते, बल्कि नियम विरूद्व कार्य कर शासन को लाखो का चूना लगाया जा रहा है ।यूनिक कम्पनी पर लाखो का भुगतान बकाया

जानकारी मे बताया गया है कि यूनिक एडवरटाईजिंग कम्पनी के प्रमुख विभू सूरी के द्वारा दस सालो का टेन्डर प्राप्त किया गया है,जो समय पर न तो प्रीमियम देते और न ही अपना पिछला बकाया दे रहे है, जो कि करीब 22 लाख रूपये होता है, सवाल यह है कि नगर पालिका प्रशासन आखिर विभू सूरी पर इतना मेहरबान क्यो है

चल रहा ब्लिंकर का फर्जी खेल

शहर मे ब्लिंकर के नाम से जगह – जगह होडिर्गं लगाये गये है, जिसमे स्पष्ट लिखा हुआ है यूनिक एडवरटाईजिंग कम्पनी, सम्पर्क नम्बर भी लिखा हुआ है। जबकि युनिक कम्पनी को सिर्फ और सिर्फ ब्लिंकर का टेडर मिला है न कि शहर मे जगह – जगह होडिंर्गं लगाने का और उस होडिर्गं का अपनी कम्पनी का प्रचार करना अपराध की श्रेणी में आता है

इनका कहना है 

बिंलकर का 5000 स्कायर फीट की परमीशन मे जो होंडिग लगी हुयी है, वह सभी अवैध है ।हमारे द्वारा निविदा निकाल कर होडिगं का कार्य विस्तार पूवर्क कराया जायेगा ।

अक्षत बुंदेला

सीएमओ नगर पालिका शहडोल

02, जब हमारे द्वारा बिलंकर की जानकारी मांगी गई तो नगरपालिका अध्यक्ष को पता ही नही कि बिलंकर क्या होता है, राजस्व शाखा से बात करके पता करेगेे और उसकी अनुमति नही होगी तो कायर्वाही की जायेगी।

घनश्याम जायसवाल

अध्यक्ष नगर पालिका शहडोल।