शनै: पन्था,शनै: कन्था शनै: पर्वत लड्घनम् – पूर्व कुलपति त्रिपाठी

श्री महन्त लाल दास कला एवं विज्ञान महाविद्यालय में हुआ सम्मान महर्षि पाणिनि वैदिक संस्कृत विश्वविद्यालय -उज्जैन के पूर्व कुलपति का
(मदन खाण्डेकर)
गिधौरी ।महर्षि पाणिनि वैदिक संस्कृत विश्वविद्यालय- उज्जैन के पूर्व कुलपति मिथिला प्रसाद त्रिपाठी जी भगवान शिवरीनारायण का दर्शन करने के लिए शिवरीनारायण पहुंचे यहां उन्होंने भगवान का दर्शन पूजन करके खरौद पहुंचकर भगवान लक्ष्मणेश्वर महादेव का भी दर्शन पूजन किया। इस बीच श्री महन्त लाल दास कला एवं विज्ञान महाविद्यालय शिवरीनारायण में उनके सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजन समिति के द्वारा उनका सम्मान शाल, श्रीफल भेंट करके किया। महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने उन्हें अपनी रचनाएं श्री राम संस्कृति की झलक, सुखद -सफल जीवन सूत्रम् तथा स्मृति ग्रंथ श्री दूधाधारी मठ एक परिचय भेंट किया। विद्यालय में उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए पूर्व कुलपति ने कहा कि- *शनै: पन्था शनै: कन्था शनै: पर्वत लड्घनम्।। अर्थात जीवन में रास्ते धीरे-धीरे तय होते हैं, शास्त्र धीरे-धीरे याद होता है, पर्वत धीरे-धीरे लांघ लिए जाते हैं। विद्यार्थियों को विद्या की प्राप्ति में धैर्य एवं लगन की आवश्यकता होती है। *उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में प्रत्येक विषयों का अलग-अलग महत्व है चाहे वह गणित हो, इतिहास हो, अर्थशास्त्र हो या ललित कला ही क्यों ना हो सभी हमारे जीवन को आनंदित करने वाले हैं। जो शब्द को जान गया वह वाक्य को जान जायेगा। जो वाक्य को जान गया वह उसके अभिप्राय को भी जान जाएंगे। कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित राम किशोर मिश्र पूर्व विभागाध्यक्ष वेद, शासकीय दूधाधारी राजेश्री महन्त वैष्णव दास संस्कृत महाविद्यालय रायपुर ने विद्यार्थियों का लक्षण बताते हुए कहा कि – काकचेष्ठा बको ध्यानम् श्वान निद्रा तथैव च अल्पहारी,गृहत्यागी। विद्यार्थी पंच लक्षणम्।। उन्होंने विद्यार्थियों के पांच लक्षणों की विस्तृत व्याख्या की और यह भी कहा कि आधुनिक युग में विद्यार्थी दूसरों के माता-पिता का पैर छूते हैं, उनका सम्मान करते हैं लेकिन अपने माता-पिता के सम्मान के समय रूखा व्यवहार करते हैं। इसके पूर्व महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त जी महाराज ने महाविद्यालय की स्थापना काल की चर्चा करते हुए बताया कि इस विद्यालय का शुभारंभ 26 छात्र-छात्राओं से हुआ था जो आज विशाल वृक्ष के रूप में हम सबके सामने हैं। उन्होंने पूर्व कुलपति एवं मिश्र जी को शिवरीनारायण पधारने के लिए धन्यवाद एवं बधाई दी तथा महाविद्यालय आगमन के लिए आभार माना। कार्यक्रम का विधिवत संचालन योगेश शर्मा ने किया तथा पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह ने आभार व्यक्त की। इस अवसर पर विशेष रूप से बृजेश केसरवानी, निरंजन लाल अग्रवाल,भागवत कथा वाचिका सविता मिश्रा, सुबोध शुक्ला, उदयराम केंवट , सुखराम दास जी, प्राचार्य पटेल जी, कश्यप जी एवं मिडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव, हर्ष दुबे सहित अनेक गणमान्य नागरिक गण तथा विद्यालय परिवार के सभी लोग उपस्थित थे।