कई दिनों से सड़ रहा था मृत चीतल का शव, वन विभाग को जानकारी नही, मॉनिटरिंग पर उठें सवाल

(हेमंत बघेल)

कसडोल। वनमंडल बलौदाबाजार के बारनवापारा अभ्यारण्य क्षेत्र से मृत चीतल का मामला सामने आया है। बार अभ्यारण्य के वन परिक्षेत्र कार्यालय से महज 3 किलोमीटर दूर कक्ष क्रमांक 108 के सड़क किनारे एक चीतल मृत अवस्था में कई दिनों से पड़ा रहा। लेकिन वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी।

सूत्रों की मानें तो राहगीरों को जब दुर्गंध आई तो उन्होंने गाड़ी रोककर देखा तो एक चीतल मृत अवस्था में सड़-गल रहा था। इधर पत्रकारों ने मृत चीतल का वीडियो बनाया राहगीरों से जानकारी लेने के बाद वनकर्मियों को अवगत कराया। मौके पर पहुंचे सीमावर्ती बीट के वनरक्षक मिथिलेश ठाकुर ने स्वीकार किया कि मृत प्राणी चीतल (हिरण प्रजाति) का है और उसे तेंदुए ने शिकार किया है। फिलहाल चौंकाने वाली बात यह रही कि वन विभाग के कर्मचारियों को इसकी जानकारी मीडिया से मिली। जबकि वन विभाग पेट्रोलिंग का दावा करता है, साथ ही कोर और बार अभ्यारण क्षेत्र में लगातार पेट्रोलिंग भी किया जाना चाहिए लेकिन जब चीतल की जानकारी क्षेत्र के बीट गार्ड को अन्य से मिले तो सहज अंदाजा लगाया जा सकता है, कि विभाग के जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारियों कितना पालन कर रहें है, बहरहाल वन विभाग के सूत्रों की मानें तो मृत वन्य प्राणी के पास कैमरे लगाए जाने चाहिए थे, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि शिकार किस जानवर ने किया है। लेकिन विभाग को जानकारी ही नही तो कैमरा दूर की बात है।


इधर प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी गोपाल वर्मा ने स्वीकार किया कि उन्हें वनरक्षक द्वारा सूचना मिला कि तेंदुए ने शिकार किया है, वहीं एक अन्य वनरक्षक धनेश्वर ध्रुव ने दावा किया कि कक्ष क्रमांक 108 उसके बीट में आता है और उसने कैमरा लगाया था। कर्मचारियों की बयानबाजी में विरोधाभास ने विभागीय लापरवाही को और उजागर कर दिया है। फिलहाल उक्त मृत चीतल का शव सड़ चुका है।


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