चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना स्थापना दिवस पर रासेयो इकाई द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का किया गया आयोजन
(पंकज कुर्रे )
पामगढ़। चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय (स्वशासी), पामगढ़ में राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस.) के स्थापना दिवस के अवसर पर विशेष परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वी. के. गुप्ता, संस्थान के निदेशक श्री वीरेंद्र तिवारी, आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) समन्वयक प्रो. विवेक जोगलेकर, वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. शुभदा जोगलेकर विशेष रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ माता सरस्वती एवं स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर रासेयो के कार्यक्रम अधिकारी संजय बघेल ने अपने स्वागत भाषण में राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्य, महत्व एवं स्थापना दिवस के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एन.एस.एस. युवाओं को समाज सेवा के लिए प्रेरित करता है। प्राचार्य डॉ. वी. के. गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना विद्यार्थियों को समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा देती है। इससे उनमें नेतृत्व, अनुशासन और सेवा भाव जैसे गुण विकसित होते हैं। विद्यार्थी जब समाज के बीच काम करते हैं, तो उन्हें वास्तविक समस्याओं की समझ मिलती है और वे उनके समाधान के लिए संवेदनशील बनते हैं। उन्होंने इस अवसर पर स्वयंसेवकों को समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
महाविद्यालय के संचालक वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि आज के समय में समाज सेवा केवल एक गतिविधि नहीं बल्कि प्रत्येक शिक्षित नागरिक का कर्तव्य है। एन.एस.एस. छात्रों को समाज से जोड़ने का सशक्त माध्यम है, जिससे उनमें सहयोग और आत्मनिर्भरता की भावना विकसित होती है। उन्होंने स्वयंसेवकों से आग्रह किया कि वे अपने कार्यों से दूसरों को भी प्रेरित करें
आईक्यूएसी समन्वयक प्रो. विवेक जोगलेकर ने कहा कि एन.एस.एस. छात्रों में टीमवर्क, नेतृत्व और प्रबंधन क्षमता का विकास करता है। यह उन्हें सामाजिक चुनौतियों से रूबरू कराता है और समस्या समाधान की दृष्टि विकसित करता है। उन्होंने युवाओं को समाज सेवा में नवाचार और नई सोच को अपनाने की सलाह दी।
वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. शुभदा जोगलेकर ने कहा कि युवाओं के लिए समाज सेवा करना केवल एक कर्तव्य ही नहीं बल्कि आत्मिक संतोष का माध्यम भी है। एन.एस.एस. विद्यार्थियों को संवेदनशील और जिम्मेदार नागरिक बनने की दिशा में मार्गदर्शन करता है। उन्होंने सेवा कार्यों में निरंतर सक्रिय रहने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का संदेश दिया।
रसायन शास्त्र विभागाध्यक्ष ऋषभ देव पांडेय ने कहा कि एन.एस.एस. एक जीवनशैली है जो युवा पीढ़ी को समाज के प्रति समर्पण सिखाती है। पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में विद्यार्थियों की भागीदारी समाज में बड़ा बदलाव ला सकती है। उन्होंने युवाओं को नए विचारों व नवाचार को समाज सेवा से जोड़ने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने शपथ ग्रहण कर युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी के संदेशों को आत्मसात करते हुए समाज सेवा के प्रति समर्पण का संकल्प लिया। परिचर्चा में स्वयंसेवकों ने समाज में अपनी भूमिका, स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण पर विचार साझा किए। इस अवसर पर महाविद्यालय परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। स्वयंसेवकों द्वारा स्वच्छता कार्यक्रम संचालित कर परिसर को स्वच्छ रखने का संकल्प दोहराया गया। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें देशभक्ति गीत, नृत्य और नाट्य प्रस्तुति ने सभी को प्रभावित किया।एन.एस.एस. इकाई के स्वयंसेवकों ने स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में वृद्धाश्रम का प्रवास कर वहां साड़ी, फल एवं अन्य आवश्यक सामग्री का वितरण किया और वरिष्ठ नागरिकों से मिलकर उन्हें स्नेह और सम्मान का अनुभव कराया। इस सेवा कार्य ने उपस्थित सभी को भावुक कर दिया।
कार्यक्रम के अंत में कुल 34 स्वयंसेवकों को बी प्रमाण पत्र तथा 4 स्वयंसेवकों को सी प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। अतिथियों ने प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले छात्रों को समाज सेवा में और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। पूरे कार्यक्रम का संचालन एन.एस.एस. कार्यक्रम अधिकारी संजय बघेल एवं रासेयो स्वयंसेवक जयश्री ने किया और सहायक प्राध्यापक प्रताप बनर्जी ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम महाविद्यालयीन स्टाफ, रासेयो स्वयंसेवकों सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।



