कलेक्टर ने पिपराहा तालाब में छठ घाट की तैयारियों क़ा लिया जायजा,अधिकारियो को दिये जरुरी निर्देश
(हेमंत बघेल)
बलौदाबाजार। लोक अस्था का महापर्व छठ पूजा जिले में भी उत्साह क़े साथ मनाया जा रहा है। अस्त होते सूर्य को अर्ध्य देने क़े लिए नदी व जलाशयों क़े घाट की साफ सफाई सहित प्रकाश व अन्य व्यस्थाएं दुरुस्त की जा रही हैं। कलेक्टर दीपक सोनी ने सोमवार को बलौदाबाजार स्थित पिपराहा तालाब में छठ घाट की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने छठ व्रतियो की सुविधाओं तथा शांति व्यवस्था हेतु अधिकारियो को जरुरी निर्देश दिये।

कलेक्टर ने छठ घाट में साफ, सफाई, लाइटिंग, पार्किंग, घाट में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एवं आवागमन आदि की जानकारी ली। उन्होंने लोगों की मांग पर घाट का विस्तार करते हुए पचरी निर्माण एवं एक शेड निर्माण हेतु प्रस्ताव तैयार करने क़े निर्देश मुख्य नगर पालिका अधिकारी को दिये। इस दौरान उन्होने वार्ड पार्षद सहित आम लोगों को पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को लाभकारी बताते हुए योजना का लाभ लेने प्रोत्साहित किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आक़ास योजना शहरी क़े तहत नगरपलिका क़े लिए निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने पात्र लोगों से आवेदन लेने मुख्य नगर पालिका अधिकारी को निर्देशित किया।

बताया गया क़ि पिपराहा तालाब में लगभग 50 परिवार क़े व्रतियों द्वारा छठ पूजा किया जाता है एवं लगभग 300 श्रद्धालुओं यहां जुटते हैं। सोमवार को अस्ताचल सूर्य को अर्ध्य दिया जयेगा एवं मंगलवार प्रातः उदय होते सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा।
गौरतलब है क़ि छठ पूजा हिन्दुओं का एक प्राचीन लोकपूर्व है जिसे विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश में मनाया जाता है।छठ पूजा नहाय खाय से शुरू होती है जो 25 अक्टूबर 2025 को था। छठ पूजा का दूसरा दिन बेहद अहम माना जाता है। इस दिन व्रत लेने वाले लोग आत्मिक और शारीरिक रूप से खुद को शुद्ध करते हैं। प्रसाद खाने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है। छठ पूजा के तीसरे दिन अस्तगामी सूर्य को शाम के वक्त अर्घ्य दिया जाता है। छठ पूजा के आखिरी दिन उदय होते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद व्रती प्रसाद ग्रहण करके छठ व्रत का पारण करते हैं और इस व्रत को सभी लोगों में बांटते हैं।

इस दौरान वार्ड पार्षद श्री सलूजा, एसडीएम प्रकश कोरी, तहसीलदार निवेश कोरेटी सीएमओ आशीष तिवारी सहित अन्य अधिकारी, छठ व्रती एवं वार्डवासी उपस्थित थे।



