ग्राम भैसमुंडी में फसल प्रदर्शन एवं किसान संगोष्ठी कार्यक्रम सम्पन्न हुवा

(नीलकमल आजाद)


पलारी :– ग्राम भैसमुड़ी (भण्डारपुरी) तहसील आरंग जिला-रायपुर अतंर्गत ग्राम भैसमुड़ी के प्रगतिशील किसान बिलोकचंद खरे जी द्वारा उन्नतिशील प्रजाति के धान सबौर मंसुरी, सबौर प्रताप, सबौर हीरा, धानMTU-1318 धान सबौर कृषिविश्व विद्यालय बिहार एवं इन्दिरा गाँधी कृषि

महाविद्यालय राजनांदगांव से बीज प्राप्त कर अपने खेत मे लगाया है, जिसका प्रदर्शन हेतु कृषिसंगोष्ठी दिनांक 26 अक्टूबर को ग्राम भैसमुड़ी मे सम्पन्न हुआ

संगोष्ठी मे छत्तीसगढ के विभिन्न जिला-रायपुर, मुगेली, कवर्धा, बेमेतरा, राजनांदगांव, बालोद एवं स्थानीय किसानो ने भाग लेकर वैज्ञानिको के सांथ फसल प्रदर्शन का लाभ लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सबौर कृषिविश्व विद्यालय बिहार के कृषिवैज्ञानिक डाॅक्टर प्रकाश सिंह जी जोकि धान सबौर मंसुरी, सबौर हीरा, सबौर प्रताप के प्रजनक वैज्ञानिक है के द्वारा किसानो को नयी तकनिकि ऊन्नत बीज के साथ कृषि कर किसानो को आय बढाने प्रोत्साहित किये। कार्यक्रम मे उपस्थित अंकुर सिड्स कंपनी छत्तीसगढ के बीडरर डाॅक्टर श्यामसुन्दर सिंह द्वारा ऊन्नत बीज से अधिक पैदावार लेने के गूर बतलाये। कार्यक्रम मे सबौर मंसूरी धान किसानो का पसंदीदा धान रहा, डाॅक्टर प्रकाश सर ने बतलाया की सबौर मंसुरी धान कम खाद कम पानी मे भी बेहतर उत्पादन देगी यह रोग प्रतिरोधी मौसम अनुकुल किस्म है जो धान सरना MTU-7029 के विकल्प के रूप मे विकसित किया गया है जिसका उत्पादन क्षमता 122क्वीटल/हेक्टेयर तक है।भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा छत्तीसगढ सहित देश के 09राज्यों केलिए इस वर्ष फरवरी-मार्च 2025 मे अनुसंशित किया गया है।

संगोष्ठी के आयोजक किसान बिलोकचंद खरे ने अपनी संबोधन मे किसानी का मूलमंत्र ऊन्नत बीज एवं आधुनिक तकनीक अपनाकर खेती को और भी बेहतर व्यवसायिक रूप से करने की बात कही।