भाजपा कार्यकर्ताओं ने मनाया श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस।

(राकेश चंद्रा)

बिजुरी। भारतीय जनसंघ के रहे भाजपा के आदर्श और एक विधान एक निशान के नारे को लेकर अपने जीवन की आहुति देने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा रविवार को बूथ क्रमांक 47 स्थित भाजपा कार्यालय में मनाया गया। एवं कार्यकर्ताओं द्वारा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हे श्रद्धांजली दिया गया।इस मौके पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष गयाबोध मिश्रा, पूर्व भाजपा मण्डल अध्यक्ष मुकेश जैन, पूर्व भाजपा जिलामंत्री पुरुषोत्तम देवानी, पूर्व नगरपालिका उपाध्यक्ष सतीश शर्मा, डाॅ. शुभाशीष सरकार, युवा मोर्चा मण्डल अध्यक्ष प्रकाश यादव, महामंत्री शिव जायसवाल, मधु सिंह, संतोष प्रजापति, सहित अन्य दर्जनों भाजपा कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे।

एक देश में एक विधान और एक निशान का नारा दिया था मुखर्जी जी ने-

06 जुलाई 1901 को कलकत्ता के अत्यन्त प्रतिष्ठित परिवार में जन्मे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1917 में मैट्रिक पास कर, 1921 में बी.ए. की उपाधि प्राप्त की। 1923 में लॉ की उपाधि अर्जित करने पश्चात वह विदेश चले गये और 1926 में इंग्लैंड से बैरिस्टर बनकर स्वदेश लौटे। एक देश में दो विधान और दो संविधान नही चलेगा का नारा देने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जम्मू-कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। संसद में अपने भाषण के दौरान इन्होने धारा-370 को समाप्त करने की जोरदार वकालत की थी। अगस्त 1952 में जम्मू कश्मीर की विशाल रैली में इन्होंने अपना संकल्प व्यक्त किया था कि ”या तो मैं आपको भारतीय संविधान प्राप्त कराऊंगा या फिर इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये अपना जीवन बलिदान कर दूंगा”।

संकल्प पूर्ति के लिए पहुंचे थे जम्मू-कश्मीर-

डॉ. मुखर्जी अपने संकल्प को पूरा करने के लिये 1953 में बिना परमिट लिये जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े थे। वहां पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। जहां 23 जून 1953 को जेल में रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी। उनकी मौत ने समूचे देश को हिलाकर रख दिया था। जिसके बाद से परमिट सिस्टम समाप्त हुआ।

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