जनपद पंचायत पत्थलगांव में भ्रष्टाचार चरम पर,तत्कालीन CEO और बाबुओ ने मिलकर जनपद की राशि का जमकर किया गोलमाल..वाहन व्यय व खरीदी के नाम पर चल रहा बड़ा खेल..अधिकारी व बाबू के पास होगी आय से अधिक संपत्ति

(बबलू तिवारी)

पत्थलगांव – जनपद पंचायत पत्थलगांव जो कि अब अधिकारी और बाबू के लिए भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है फर्जी बिल लगाकर पैसा आहरण करना इनके लिए आम बात हो गई है।पिछले 5-6 सालों में जो भी अधिकारी यहां पदस्थ हुए यदि उनके कार्यकाल के चिट्ठा देखा जाए तो शासन के पैसे का दुरुपयोग कैसे जाता है कोई इनसे सीखे।

पूर्व पत्थलगांव जनपद सीईओ रहे टी.डी.मरकाम जो हाल में मैनपुर जिला गरियाबंद में SDM है उसके बाद पवन पटेल,व्ही. के.राठौर और डिप्टी कलेक्टर प्रियंका गुप्ता और भी अधिकारियों ने स्थापना बाबू नवरतन समारू जो कि वर्षो से पत्थलगांव में ही पदस्थ है के साथ मिलकर खरीदी और वाहन व्यय के नाम पर खुला खेल किया है।

यहां यह देखना जरूरी है कि जनपद पंचायत पत्थलगांव में पदस्थ होने वाले सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी अपने निजी वाहन का उपयोग कर फर्जी तरीके से डीजल और वाहन किराया के नाम पर लगातार जनपद निधि का बंदरबाँट कर रहे है,अपने निजी वाहन के टायर का बिल तक जनपद निधि से आहरण हो रहा है।प्रतिमाह किसी सीईओ ने 30 हजार तो किसी ने 50 हजार तो किसी ने 70 हजार तो किसी ने लाखों रुपये तक जनपद निधि से वाहन व डीजल व्यय के नाम पर आहरण किये है।जबकि ना सही बिल है और ना ही दौरे की लॉकबुक है बिल भी ऐसे व्यक्ति के नाम से है जिसकी कोई ट्रेवल एजेंसी ही नही है ना ही उसके नाम से उक्त वाहन है मतलब साफ है कि सभी नियमों को ताक में रख कर इस जनपद में भ्रष्टाचार चरम पर है।

आपको बता दे कि शासन ने सभी शासकीय विभागों के लिए भंडार क्रय नियम की गाइडलाइन तैयार की है।जिसके तहत उनको खरीदी करनी है जिसको 3 भाग में बांटा गया है लेकिन जनपद पंचायत पत्थलगांव में लाखों की खरीदी के बावजूद ना तो कोटेशन पद्धति अपनाई गई है और ना टेंडर प्रक्रिया का पालन किया गया है सीधे अपने लोगो को फायदा पहुंचाने व उनके कमीशन लेने के चक्कर में सीधे लाखो की ख़रीदी की जाती रही है।जो कि शासन के भंडार क्रय नियम का खुला उलंघन है।अलग अलग मद से साल भर के भीतर 5 लाख से ऊपर तक की खरीदी स्टेशनरी हेतु की गई होगी लेकिन ना तो कोटेशन है और ना कोई टेंडर – मतलब साफ है यहां अधिकारी से लेकर बाबू सब भ्रष्टाचार में लिप्त है।

जनपद पंचायत पत्थलगांव के जनपद निधि,15वे वित्त मद,गौंड खनिज मद और भी अन्य मदों को मिलाकर यदि इस कार्यालय के आय व्यय की जांच की जाए तो एक बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा सामने आ सकता है जिसको अधिकारी और बाबू ने मिलकर अंजाम तक पहुंचाया है।साथ ही इन बाबुओ और पूर्व ceo रहे अधिकारियों के संपत्ति की जांच की जाए तो लगभग अभी आय से अधिक संपत्ति के मालिक नजर आएंगे।

जशपुर जिले का पत्थलगांव जो मुख्यमंत्री के गृह जिले का गृह विधानसभा है जिसके जनपद में अधिकारी और बाबू की संलिप्तता से मुख्यमंत्री के 0 भ्रष्टाचार की नीति की धज्जियां उड़ती नजर आ रही है।यहां लगातार शासन के पैसों का खुला दुरुपयोग हो रहा है

अब देखना होगा कि लाखों रुपए का भ्रष्टाचार करने वाले इन अधिकारी व बाबू पर शासन प्रशासन किस प्रकार लगाम कसती है क्या निजी वाहनों में व्यय की गई राशि की रिकवरी इन अधिकारियों से की जाएगी और शासन के पैसों के दुरुपयोग मामले में इन पर किस प्रकार की कार्यवाही होगी और वर्षो से जमे बाबू का तबादला आखिर कब होगा।

इन्हें भी पढ़े