9 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ट्रैंकुलाइज देकर बाघ को किया गया रेस्क्यू, पारस नगर कसडोल से हुआ रेस्क्यू, 4 घंटे तक रहा अफरा-तफरी का माहौल

(हेमंत बघेल)

कसडोल। सोनाखान रेंज अंतर्गत समीपस्थ ग्राम कोट (क) में मंगलवार की तड़के सुबह बाघ दिखाने से ग्रामीणों में दशक का माहौल था। बाघ को सबसे पहले गांव में बोर खनन में काम करने पहुँचे राजू नामक युवक ने देखा जिसके बाद इसकी सूचना ग्राम कोट के सरपंच को दिया गया। सरपंच प्रतिनिधि गोविंद राम साहू ने इसकी सूचना वन अमले और पुलिस प्रशासन को दिया।

सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में वन अमला सहित कसडोल पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। वन विभाग द्वारा बाघ की लोकेशन जानने के बाद पूरे गांव को हाई अलर्ट किया गया। मौके पर पहुँचे सोनाखान परिक्षेत्र अधिकारी सुनीत साहू ने गांव में बाघ आने की सूचना उच्च अधिकारियों को दिया साथ ही रायपुर से रेस्क्यू टीम और डॉक्टरों की टीम को बुलाया गया। जिले के डीएफओ मयंक अग्रवाल सहित रायपुर से सीसीएफ राजू अगासी, पीसीसीएफ श्रीनिवास राव, मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक छत्तीसगढ़ वन सुधीर अग्रवाल भी मौके पर पहुंचे इनके अलावा पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल, कसडोल एसडीओपी कौशल किशोर वासनिक, कसडोल थाना प्रभारी रितेश मिश्रा सहित भारी संख्या में वनकर्मी पुलिसकर्मी मुस्तैद रहे। मौके पर रेस्क्यू टीम द्वारा बाघ का रेस्क्यू करने के लिए बाघ का लोकेशन के आसपास जाल बिछाया गया ड्रोन के माध्यम से लगातार बाघ की निगरानी किया जा रहा था इसी दौरान बाघ को पकड़ते वक्त बाघ मौके से भागकर दूसरे गांव गोरधा के तरफ निकल गया। फिर ड्रोन से लोकेशन चेक किया गया। इस दौरान बाघ भी लगातार लोगों की भीड़ देखकर इधर-उधर भाग रहा था वन विभाग और पुलिस प्रशासन लगातार बाघ को रेस्क्यू करने और लोगों को सुरक्षित रखने का एक बडा चुनौती था बाघ को देखने लगातार लोगों की भीड़ उमड रहा था वन विभाग और पुलिस विभाग को एक तरफ बाघ को पकड़ने में मुश्किल हो रहा था दूसरी तरफ लोगों को सुरक्षित रखना एक बड़ी जिम्मेदारी था। बाघ अब ग्राम कोट से निकलकर भागते-भागते कसडोल नगर तक पहुंच गया। बाघ के कसडोल नगर आने से नगरवासियों में दहशत का माहौल था। तकरीबन 9 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार बाघ को ट्रैंकुलाइज इंजेक्शन के माध्यम से बेहोश किया गया तब जाकर बाघ को रेस्क्यू टीम ने पकड़ा और उसे कोरिया या जंगल सफारी जनान वाहन से रवाना किया गया। तब जाकर लोगों को राहत मिला। जानकारी के मुताबिक यह बाघ जंगल को छोड़ बीते सोमवार से वन परिक्षेत्र बलौदाबाजार के ग्राम कोरदा तरफ विचरण कर रहा था इसके बाद मंगलवार की तड़के सुबह बाघ को ग्राम कोट में देखा गया। और वन विभाग और पुलिस प्रशासन की सूझ बूझ से किसी आम आदमी को बिना नुकसान पहुँचे रेस्क्यू ऑपरेशन सफल रहा।

“ट्रैक्यूलाईज कर बाघ का हुआ रेस्क्यू”

वन विभाग एवं वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारी कानन पेण्डारी चिड़ियाघर बिलासपुर डॉ.पी.के.चंदन वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारी नंदन वन जू एवं जंगल सफारी नवा रायपुर डॉ. राकेश वर्मा तथा डॉ रश्मिलता राकेश पशु चिकित्सा अधिकारी कसडोल के टीम द्वारा तत्काल ग्राम कोट पहुंच कर ग्रामीण धीराजी पिता रविशंकर के बाड़ी में रखे पैरा के ढेर में छुपे बाघ को ट्रैक्यूलाईज करने की प्रयास किया गया। जिसमें बाघ ग्राम कोट से निकल कर कसडोल के पेट्रोल पम्प के पीछे की तरफ आ गये। डॉ.पी.के. चंदन वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारी कानन पेण्डारी चिड़ियाघर बिलासपुर द्वारा दुबारा प्रयास किया गया और बाघ को ट्रैक्यूलाईज करने में सफल हुए तथा परीक्षण हेतु तत्काल रक्त का नमुना एवं बाघ के मॉनिटरिंग हेतु रेडियो कॉलर लगाकर बाघ को रिवाइवल किया गया। इस अभियान के दौरान बाघ को किसी भी प्रकार की शारीरिक चोट नहीं पहुँची। पशु चिकित्सक अनुसार बाघ स्वस्थ अवस्था में चिकित्सकों की निगरानी में है।

“यह रहें मौजूद”

इस मौके पर मुख्य रूप से मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख रायपुर व्ही श्रीनिवास राव प्रधान,अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (व.प्रा.) प्रेम कुमार,मुख्य वन संरक्षक रायपुर वृत्त रायपुर राजु अगसिमनी,मुख्य वन संरक्षक (व.प्रा.)एवं क्षेत्र संचालक उदन्ती सीतानदी टायगर रिजर्व रायपुर श्रीमति सतोविशा समाजदार,वनमण्डलाधिकारी बलौदाबाजार मयंक अग्रवाल, आनंद कुदरया अधीक्षक बारनवापारा अभ्यारण्य तथा वन मण्डल बलौदाबाजार के समस्त समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहें।

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