छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, राज्य सरकार तय कर सकती है प्राइवेट स्कूलों की फीस, अभिभावकों को मिलेगी राहत

बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों की फीस के संबंध में बड़ा फैसला लिया है. बिलासपुर हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों की याचिका खारिज कर बड़ा झटका दिया है. साथ ही राज्य सरकार का प्राइवेट स्कूल की फीस तय करने का अधिकार भी वैध ठहरा दिया है. बिलासपुर हाईकोर्ट ने 2020 के स्कूल फीस विनियमन अधिनियम को संवैधानिक ठहराया है। बिलासपुर और छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है। मामले की सुनवाई जस्टिस संजय के अग्रवाल और जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच में हुई।


बिलासपुर हाईकोर्ट के इस फैसले से अभिभावकों को काफी राहत मिलेगी. अब प्राइवेट स्कूल फीस वृद्धि में पारदर्शिता और जवाबदेही को अनिवार्य कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ के प्राइवेट स्कूल बिना अनुमति 8% से ज्यादा फीस नहीं बढ़ा सकते है. अब समिति की मंजूरी के बिना स्कूल फीस हाइक मान्य नहीं रहेगी. फीस समिति को सिविल कोर्ट जैसे अधिकार मिलेंगे. अभिभावकों की आपत्तियों पर सुनवाई भी जरूरी है. समिति चाहेगी तो स्कूलों से रिकॉर्ड भी तलब कर सकेगी। 

निजी स्कूल की फीस पर लगेगी लगाम

लंबे समय से मांग कर रहे थे अभिभावक

छत्तीसगढ़ में अभिभावक लंबे समय से निजी स्कूलों की बढ़ती फीस पर लगाम लगाने की मांग कर रहे थे. कई बार इस विषय को लेकर अभिभावक संघों ने जिला प्रशासन और सरकार से गुहार भी लगाई थी. लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन क्लासेज के बावजूद कई स्कूलों ने फीस बढ़ाई थी.

अनावश्यक शुल्क पर रोक

नई व्यवस्था लागू होने पर स्कूलों द्वारा वसूली जाने वाली एडमिशन फीस, डेवलपमेंट फीस, कंपलसरी डोनेशन जैसे अनावश्यक शुल्कों पर भी रोक लगाई जाएगी. सरकार का मानना है कि शिक्षा के नाम पर धन उगाही को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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