बिलाईगढ़ के साहित्यकारों ने डॉ सुरेंद्र दुबे की स्मृति में किया शोकसभा सह काव्यगोष्ठी का आयोजन*

(मदन खाण्डेकर)
बिलाईगढ़ – अंतर्राष्ट्रीय हास्य कवि पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे जी के आकस्मिक निधन हो जाने पर विकासखंड बिलाईगढ़ के क्षेत्रीय साहित्यकारों द्वारा समलाई माता मंदिर के परिसर देवांगन समाज भवन में शोकसभा सह काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित साहित्यकारों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय हास्य कवि पद्मश्री स्वर्गीय डॉ सुरेंद्र दुबे जी के छायाचित्र पर श्रीफल तथा पुष्प अर्पित करते हुए शोकसभा का आयोजन कर दो मिनट का मौन धारण किए। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार रेशमलाल देवांगन ने श्रद्धासुमन अर्पित कर हास्यकवि पद्मश्री डॉक्टर सुरेंद्र दुबे जी का आकस्मिक निधन छत्तीसगढ़ राज्य सहित देश के लिए अपूर्णीय क्षति है छत्तीसगढ़ी साहित्य के प्रणेता हास्य कवि सदैव अमर रहेंगे जिन्होंने कविता को विश्वपटल पर पहुंचाने का कार्य किया इस पर संबोधित किए। नीलकुमार चेलक ने श्रद्धांजलि गीत प्रस्तुत किया। वरिष्ठ कवि शशिभूषण स्नेही ने दुबे जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उद्बोधन कर “माटी होही तोर चोला”कविता प्रस्तुत किए। राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक महेत्तर लाल देवांगन, लोकनाथ ताण्डेय ने मुक्तक रचना के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित किए। हेमंत कुमार साहू ने डॉक्टर सुरेंद्र दुबे को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी ही कविता “टाईगर अभी जिंदा हे” प्रस्तुत किए। मदनलाल तोमर, महादेव जायसवाल ने श्रद्धांजलि अर्पित कर डॉ सुरेंद्र दुबे जी का साहित्य जगत में योगदान पर प्रकाश डालते हुए संबोधित किए।