चैतन्य कॉलेज पामगढ़ को मिला यूजीसी से ऑटोनॉमस दर्जा, ऑटोनॉमस का दर्जा पाने वाला शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ का पहला कॉलेज बना चैतन्य महाविद्यालय

(पंकज कुर्रे)
पामगढ़ । चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय, पामगढ़ को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), नई दिल्ली द्वारा “ऑटोनॉमस संस्थान” का दर्जा प्रदान किया गया है। इसके साथ ही, शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय, रायगढ़ ने भी इस आशय की अधिसूचना जारी कर दी है। यूजीसी द्वारा महाविद्यालय को यह दर्जा दस वर्ष के लिए प्रदान किया गया है। उल्लेखनीय है कि ग्रामीण अंचल में संचालित महाविद्यालय ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपनी प्रखर उपस्थिति दर्ज कराते हुए यह उपलब्धि हाल ही में नैक द्वारा ‘ग्रेड ए’ मान्यता मिलने के बाद प्राप्त की है। स्वायत्त दर्जे के लिए कॉलेज ने कुछ समय पहले ही यूजीसी को प्रस्ताव भेजा था, जिसे स्वीकृति मिलना संस्था की शैक्षणिक गुणवत्ता, पारदर्शिता और उत्कृष्ट संचालन का प्रमाण है। ऑटोनोमस दर्जा मिलना कॉलेज की शैक्षणिक सुदृढ़ता और नवाचार की दिशा में उठाए गए प्रयासों का परिणाम है।
ऑटोनॉमस दर्जा महाविद्यालय को शैक्षणिक योजना, पाठ्यक्रम निर्धारण और मूल्यांकन प्रणाली में अधिक स्वतंत्रता प्रदान करेगा। चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय अब शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ का पहला कॉलेज बन गया है जिसे यह मान्यता प्राप्त हुई है। ऑटोनॉमस दर्जा मिलने से कॉलेज को अब अपनी परीक्षाएँ आयोजित करने, स्वयं का पाठ्यक्रम तय करने, और आधुनिक शिक्षण पद्धतियाँ लागू करने की स्वतंत्रता मिलेगी, साथ ही महाविद्यालय विश्वविद्यालय से संबद्ध भी बना रहेगा। यह परिवर्तन छात्र-केंद्रित और गुणवत्ता युक्त शिक्षा को बढ़ावा देगा, इससे विद्यार्थियों को उद्योगों और आधुनिक समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा प्राप्त होगी। यह उपलब्धि न केवल चैतन्य विज्ञान एवं कला महाविद्यालय, बल्कि पूरे पामगढ़ क्षेत्र के लिए भी गर्व का विषय है। महाविद्यालय के संचालक श्री वीरेंद्र तिवारी एवं प्राचार्य डॉ. वी. के. गुप्ता ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए यूजीसी एवं शहीद नन्द कुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ के माननीय कुलपति प्रोफेसर ललित प्रकाश पटेरिया का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सफलता महाविद्यालय की शैक्षणिक यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव है, महाविद्यालय भविष्य में और भी ऊँचाइयों को छूने के लिए प्रतिबद्ध है। इस उपलब्धि के लिए संपूर्ण स्टाफ, विद्यार्थीगण और अभिभावकों में हर्ष व्याप्त है।
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ऑटोनॉमस दर्जा महाविद्यालय को शैक्षणिक, प्रशासनिक और आंशिक रूप से वित्तीय मामलों में स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार प्रदान करता है। इससे महाविद्यालय को अपने छात्रों के शैक्षणिक विकास और गुणवत्ता सुधार की दिशा में पहल करने की क्षमता मिलती है। स्वायत्त महाविद्यालय अपने पाठ्यक्रमों का निर्धारण, शिक्षण पद्धतियों का चयन, आंतरिक मूल्यांकन प्रणाली, और परीक्षा संचालन जैसे कार्य स्वयं कर सकता है। इसके अतिरिक्त वह नवाचारपूर्ण शिक्षण विधियों, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर नए पाठ्यक्रम प्रारंभ करने, और संस्थान की आवश्यकताओं के अनुसार अकादमिक सुधार लागू करने के लिए भी सक्षम होता है।