प्रगतिशील सतनामी समाज बलौदाबाजार के नेतृत्व में मनाया गया संविधान दिवस
बलौदाबाजार। प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज जिला इकाई बलौदाबाजार द्वारा अम्बेडकर चौक में संविधान दिवस मनाया गया। संविधान निर्माता और आधुनिक भारत के शिल्पकार भारतरत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इसके बाद सभी उपस्थित जनों ने पूर्ण अनुशासन और श्रद्धा के साथ संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया। वाचन के दौरान हम भारत के लोग की गूंज ने यह अहसास कराया कि भारत का संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा, प्रेरणा और सामूहिक संकल्प का प्रतीक है।
भारत जैसे विशाल देश में जहाँ दर्जनों भाषाएँ, सैकड़ों परंपराएँ और अनगिनत संस्कृतियाँ हैं, वहाँ संविधान ने सभी को एक सूत्र में पिरोकर एक राष्ट्रकृएक पहचान दी है। यही कारण है कि भारतीय संविधान विश्व के सबसे व्यापक, समावेशी और प्रगतिशील संविधान में अग्रणी माना जाता है। जों कि 26 नवंबर 1949, यह पवित्र संविधान अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित किया गया था, जिसने भारत को पूर्ण रूप से लोकतांत्रिक गणराज्य का गौरव प्रदान किया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने बाबा साहब की दूरदृष्टि, सामाजिक समानता के प्रति उनका अटूट समर्पण और आधुनिक भारत के निर्माण में उनकी निर्णायक भूमिका का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने एक ऐसा संविधान दिया जो न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की मूल भावना पर आधारित है, समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय और अवसर पहुंचाने का संकल्प रखता है, और भारत की विविधता को उसकी शक्ति में बदल देता है। अन्य वक्ताओं ने कहा कि बाबा साहब केवल संविधान के शिल्पकार ही नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे। उनका दर्शन और विचार आज भी देश को प्रगतिशील दिशा में आगे बढ़ा रहा है।
जिलाध्यक्ष दीपक घृतलहरे ने कहा की संविधान केवल कानून की किताब नहीं, बल्कि स्वप्नों को साकार करने वाली दिशा है। यह हमें अधिकार ही नहीं, कर्तव्य की भी स्मृति कराता है। आज हमें संविधान की आत्मा समता, सद्भाव, न्याय और मानवताकृको जीवन के हर क्षेत्र में लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने समाज के प्रत्येक सदस्य से संविधान की मर्यादा और मूल्यों की रक्षा करने का संकल्प लेने का आग्रह किया। सभी उपस्थित लोगों ने हाथ उठाकर शपथ ली कि वे संविधान का पालन करेंगे, उसके आदर्शों की रक्षा करेंगे तथा समाज में समानता और सद्भाव की भावना को आगे बढ़ाएंगे। संविधान दिवस पर दिया गया यह सामूहिक संकल्प कार्यक्रम की विशिष्ट पहचान बन गया।
उक्त कार्यक्रम में देवेंद्र चतुर्वेदी, किशोर नवरंगे ,गणेश बघेल, शत्रुघ्न बंजारे, विजय बांधे, अशोक माडले, राजेश कुर्रे, भूनेश्वर डहरिया, दासी कोसले, निक्कू टंडन, जितेंद्र नवरत्न, मुनेश डहरिया, निगम बांधे, संतोष कुमार जांगड़े, गेंदराम कोठारी, आकाश घृतलहरे, देवेंद्र बंजारे सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित रहे।


