जिला खाद्य विभाग नही दे रहा ध्यान, जगह-जगह बिक रहे मिलावटी समान
(संजीत सोनवानी)
कोयलांचल नगरी बिजुरी में खुलेआम चल रहा लोगों के स्वास्थ्य व जान से खिलवाड़
बिजुरी। दीपावली पर्व के दौरान खोवा एवं मिठाईयों की अच्छी खासी मांग क्षेत्र में बढ़ जाती है। इसी मांग को देखते हुए अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के लिए मिलावटखोरों द्वारा बड़ी मात्रा में अमानक खोवा एवं मिठाईयों की सप्लाई धड़ल्ले से किया जाता है। त्यौहार समीप आते ही कोयलांचल नगरी बिजुरी क्षेत्र के भिन्न-भिन्न दुकान प्रतिष्ठानों में इस बार भी खोवा एवं मिठाईयों की सप्लाई तेजी से बढ़ा हुआ है। लेकिन अभी तक उसकी जांच या निरीक्षण के लिए प्रशासन द्वारा किसी भी तरह कि कार्रवाई शुरू नहीं की गयी है। जिससे मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हैं। और बेखौफ इनके द्वारा क्षेत्र के लोगों को धड़ल्ले से अमानक और हानिकारक पदार्थ युक्त मिठाईयां मंहगे दामों में बेंचकर उनके स्वास्थ्य व जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
प्रदेश भर में चल रही जांच व कार्यवाई, किन्तु अनूपपुर जिला क्षेत्र अभी तक अछूता
एक तरह जहां समूचा देश एवं प्रदेश भर के भिन्न-भिन्न दुकान एवं प्रतिष्ठानों में खाद्य विभाग कि टीम द्वारा दस्तक देकर लगातार जांच एवं कार्यवाईयां की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ अनूपपुर जिला मुख्यालय में आसीन खाद्य विभाग कि टीम द्वारा जांच एवं कार्यवाईयों कि दिशा में किसी भी तरह का ठोस कदम नही उठाया जा रहा है। जिससे अनूपपुर जिला खाद्य विभाग कि कार्यशैलियों पर ना सिर्फ गम्भीर सवाल खडे़ हो रहे हैं। अपितु इनकी निरंकुशता कि वजह से लोगों में खाद्य अमला के प्रति तरह-तरह कि चर्चाओं ने जोर पकडा़ है।
कोयलांचल क्षेत्र बिजुरी में नही पहुंचता खाद्य विभाग
खाद्य समान एवं मिठाईयों के गुणवत्ता कि जांच खाद्य विभाग द्वारा समय-समय पर किए जाने से मिलावटखोरों में जहां शासन-प्रशासन के कार्यवाईयों का भय अक्सर बना रहता है। वहीं कोयला उत्पादन वाली बिजुरी क्षेत्र में खाद्य विभाग द्वारा दस्तक नही दिए जाने से। क्षेत्र के मिलावटखोर मनमानी तरह से अमानक एवं हानिकारक पदार्थ युक्त मिठाईयां आदी समानों को खुलेआम बेंचकर लोगों के स्वास्थ्य एवं जानमाल के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जो इन दिनों धड़ल्ले से जारी है।
जिला प्रशासन को लोगों के स्वास्थ्य-जान कि चिंता कर उठाना चाहिए आवश्यक कदम
जिले में असीन खाद्य विभाग के जिम्मेदारों ने जिस तरह से बिजुरी क्षेत्र को अपनी कर्तव्य परायणता से मुक्त कर यहां के मिलावटखोरों को अभयदान प्रदान किया गया है। उससे यह मिलावटखोर अच्छा-खासा लाभ तो कमा ले रहे हैं किन्तु इनके मिलावटखोरी के कारण आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के आमजन अवश्य ही आंदेशित स्वास्थ्य सम्बंधित खतरों से जूझने पर विवश हो रहे हैं। क्षेत्र के इन आमजनों के जान एवं स्वास्थ्य के साथ लगातार हो रहे खिलवाड़ पर चिंता कर, जिला प्रशासन को आवश्यक कदम उठाने कि जरूरत है। जिससे बिजुरी सहित समीपवर्ती अंचलों के आमजन भी मिलावटयुक्त समानों से निजात पाकर, तरह-तरह के आंदेशित खतरों से बच सकें।