शिव महापुराण कथा में शामिल हुए जिला साहू संघ के अध्यक्ष तोषराम साहू

दीपावली में लक्ष्मी माता के साथ नारायण भगवान की भी पूजा करें: पंडित शर्मा
( मदन खाण्डेकर)
गिधौरी। बलौदाबाजार जिले के कसडोल विकासखंड के ग्राम पंचायत कटगी में श्री श्याम मित्र मंडली के द्वारा शिव महापुराण कथा का आयोजन किया गया है। जिसमे 6वे दिन जिला साहू संघ के अध्यक्ष तोषराम साहू, संरक्षक पंचराम साहू, नगर अध्यक्ष बिलाईगढ़ रामनारायण साहू, जिला मीडिया प्रभारी करन साहू, गुरुजी बालाराम साहू समेत अन्य साहू समाज के पदाधिकारी गण शामिल हुए और छठवें दिन शिव महापुराण कथा का आनंद लिए इस दौरान कथा व्यास पंडित देवकृष्ण शर्मा जी के द्वारा कृष्ण भगवान के देश से उत्पन्न हुए अरिहंत भगवान के बारे में कथा सुनाएं। पंडित देवकृष्ण शर्मा ने कथा में आगे कथा सुनाया की दीपावली में मां लक्ष्मी के साथ नारायण की भी पूजा करनी चाहिए तभी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। मां लक्ष्मी का वास उन्हीं के घर में होता है जिनके घर में मां लक्ष्मी के साथ नारायण भगवान की भी पूजा होती है। क्योंकि किसी को अपने घर बुलाना है तो पति के नाम से कार्ड देना पड़ता है। इसलिए दीपावली में मां लक्ष्मी को अपने घर बुलाना है तो महालक्ष्मी मां की आरती से पहले नारायण भगवान की आरती करें ।
माता-पिता के चरणों में बसता है पूरा संसार: पंडित शर्मा
पंडित देवकृष्ण शर्मा ने आगे गणेश भगवान और कार्तिकेय भगवान की कथा सुनाई पंडित शर्मा ने बताया की मां पार्वती ने शंकर भगवान के समक्ष दोनों पुत्रों के विवाह के संबंध में चर्चा किया जिस पर गणेश भगवान और कार्तिकेय के द्वारा अपने अपने विवाह को लेकर पार्वती माता से बोलने लगे तब माता पार्वती ने कहा कि हमने आप दोनों के लिए एक शर्त रखी है आप दोनों में से जो पहले ब्रह्मांड का परिक्रमा करके कैलाश पर्वत लौटेगा उसकी शादी पहले होगी। इसके बाद कार्तिकेय महाराज अपने वाहन में बैठकर ब्रह्मांड की परिक्रमा में निकल गए वहीं गजानन स्वामी थोड़ी देर सोचने के बाद अपने माता-पिता की परिक्रमा करने लगे और कहा कि माता-पिता के चरणों में तो ब्रह्मांड है इसीलिए मैंने एक बार नहीं सात बार ब्रह्मांड की परिक्रमा कर ली है इतना सुनकर भगवान शिव प्रसन्न हुए और
किसी भी बच्चे के लिए सबसे बड़ा दुख होता है अपने माता पिता को लाचार होते देखना
पंडित देव कृष्ण शर्मा ने आगे कथा में सुनाया की किसी भी बच्चों के लिए सबसे बड़ा इस जीवन में दुख होता है की वह अपने सुंदर-सुंदर माता-पिता को इस जीवन में बूढ़ा होता हुआ लाचारी होता हुआ देखा है कमर झुकता हुए देखता है। जो माता-पिता ने अपने जीवन में बहुत धन कमाया तुम्हें पाल पोस कर बड़ा किया वह आपसे कुछ भी उम्मीद नहीं रखते बस इतना उम्मीद रखते हैं कि बुढ़ापा में कोने में एक खटिया दे दिया जाए । क्योंकि बुढ़ापे में किसी भी व्यक्ति को संपत्ति की नहीं संतति की आवश्यकता पड़ती है । एक बूढ़ा बाप जो बिस्तर पर पड़ा है क्या करेगा वह रूपए पैसे का । बुढ़ापे में मां-बाप अपने संतान से यही उम्मीद करते हैं कि दो मीठे भाग का आकर बात कर ले बाकी उन्हें कुछ नहीं चाहिए । इसके अलावा पंडित शर्मा ने समुद्र मंथन, शिवजी के आंसू से उत्पन्न हुए जालंधर तथा अन्य कथाओं में भी प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम को सुनने कटगी समेत आसपास के गांव के सैकड़ो लोग उपस्थित रहे ।