पत्थलगांव नगर पंचायत में जेम पोर्टल खरीदी में भ्रष्टाचार की बूँदें, 3 से 5 गुना अधिक कीमत पर खरीदा गया सामान! जेम पोर्टल बना भ्रष्टाचार का अड्डा
(बबलू तिवरी)
पत्थलगांव। नगर पंचायत पत्थलगांव में पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल के दौरान जेम पोर्टल के माध्यम से की गई खरीदी में भारी भ्रष्टाचार की आशंका जताई जा रही है। लो-बैक ट्रॉली, आउटडोर डस्टबिन, ऑटो टीपर और कंटेनर मोबाइल जैसे कई उपकरण बाजार मूल्य से तीन से पांच गुना अधिक कीमत पर खरीदे गए।
जानकारी के अनुसार, जेम पोर्टल पर गैर-ब्रांडेड और अमानक सामग्रियों को बाजार से कई गुना अधिक दर पर सूचीबद्ध किया गया था। इसी पोर्टल से नगर पंचायत द्वारा महंगे दामों पर की गई खरीदी न केवल पारदर्शिता की कमी को दर्शाती है, बल्कि जवाबदेही पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।सबसे बड़ा उदाहरण स्काई लिफ्ट मशीन का है, जिसकी बाजार कीमत मात्र 4 लाख रुपये है, लेकिन नगर पंचायत द्वारा इसके लिए 14 लाख रुपये का भुगतान किया गया।यही नहीं, धूल क्लीनर मशीन सहित कई अन्य उपकरण भी अत्यधिक महंगे दामों पर खरीदे गए। सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह सभी उपकरण आज तक उपयोग में ही नहीं लाए गए, जिससे साफ जाहिर होता है कि ये खरीदी सिर्फ कागजों तक सीमित रही और इनकी वास्तविक जरूरत या उपयोगिता की कोई समीक्षा नहीं की गई।
सूत्रों की मानें तो जेम पोर्टल से खरीदी में 40% तक कमीशन का खेल तय होता है, जिसे अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच बांटा जाता है। इससे खरीदी गई सामग्रियों की गुणवत्ता भी बेहद खराब और गैर-मानक रही। मामले में पूर्व पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) की भूमिका भी संदेह के घेरे में है, जिनकी खरीदी प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच कराई जाए तो बड़े आर्थिक घोटाले सामने आ सकते हैं।
इसी प्रकार का मामला बलौदा बाजार हॉस्टल में सामने आया है, जहां आदिवासी बच्चों के लिए जेम पोर्टल से खरीदे गए प्लास्टिक जग की कीमत 32,000 रुपये बताई गई, जबकि वही जग बाजार में महज 50 से 100 रुपये में उपलब्ध है। इस एक उदाहरण ने ही जेम पोर्टल की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
अब देखना यह होगा कि शासन-प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता से कार्रवाई करता है, या यह भ्रष्टाचार भी सिर्फ “चर्चा का विषय” बनकर रह जाएगा।