छत्तीसगढ़ मे सुशासन का ढोल जंगलराज चरम सीमा पर – परमानंद जांगड़े

शिक्षा रोजगार से वंचित कर,नशे की ओर धकेलकर युवाओं को वोट के लिए इस्तेमाल कर रही सरकार- परमानंद जांगड़े
(नीलकमल आजाद)
पलारी। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष परमानंद जांगड़े ने छत्तीसगढ़ में बिगड़ी कानून व्यवस्था पर राज्य की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। मंत्री विधायक अधिकारी धन संचय करने में मशगूल हैं। प्रदेश में किसानो को खाद की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। प्रदेश को नशे के दलदल में धकेलने के लिए जगह जगह नई शराब दुकाने खोल रही है। हजारों सरकारी स्कूलों को षड्यंत्र पूर्वक बंद करने में सरकार आमादा हो चली है। कानून व्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त नजर आ रही है। अपराध की घटनाओं और आंकड़ों के आधार पर प्रदेश में कानून व्यवस्था बदतर होती दिखाई दे रही है। अपराधों में वृद्धि, पुलिस की निष्क्रियता, नक्सली हिंसा, महिला सुरक्षा और राजनीतिक संरक्षण जैसे मुद्दों ने स्थिति को चिंताजनक बना दिया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के 2023 आंकड़ों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 15% की वृद्धि हुई। औसतन 5–6 मामले दर्ज। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ी। राजधानी रायपुर, दुर्ग-भिलाई और बिलासपुर जैसे शहरों में हत्या और लूटपाट की घटनाएं आम हो गई हैं। चाकूबाजी और गैंगवार की घटनाएं बढ़ी हैं, विगत दिनों आरंग विधान सभा के ग्राम उमरिया में पेट्रोल पंप के कर्मचारी को नशेड़ियों ने चाकूमार हत्या कर दी एवँ नगदी रकम लूट फरार हो गये जिसमे ग्राम गुजरा निवासी—- का दर्दनाक मौत हो गई। खासकर युवाओं में सूखा नशा नशीली टेबलेट सिरप गांजा का धड़ल्ले से अवैध बिक्री प्रदेश के युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। सरकार सुलभ शराब उपलब्धता को लेकर बहुत सक्रियता से काम करते दिख रही हैं।
छत्तीसगढ़ में अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण और पैसे के बल पर अपराधियों को थाना से छूट मिली हुई है।
छत्तीसगढ़ में युवाओं में नशे की स्थिति चिंताजनक है,सरकार युवाओं को शिक्षा रोजगार से वंचित कर, नशे की ओर धकेलकर वोट बैंक के लिए इस्तेमाल कर रही है। राज्य में शराब, गांजा, अफीम, स्मैक, कोरेक्स, टेबलेट और तंबाकू उत्पादों का सेवन लगातार बढ़ रहा है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों, आदिवासी इलाकों और युवाओं में नशे की प्रवृत्ति चिंताजनक है। बस्तर, नारायणपुर, कोंडागांव, धमतरी व सरगुजा क्षेत्रों में अवैध खेती और तस्करी की घटनाएं सामने आई हैं। कॉलेज और स्कूल स्तर पर नशे का चलन खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। नशे के व्यापार पर सरकार जानबूझकर रोक नहीं लग रही है क्योंकि सरकारी है चाहती है कि आज का युवा नाश करें और कोई न कोई अपराध करें ताकि अपराधी होने के कारण सरकारी नौकरी के लिए स्वतः अपात्र हो जाएगा तो सरकार को नौकरी देने के झंझट से छुटकारा मिल जायेगा।
प्रदेश सरकार कानून-व्यवस्था सुधारने के बजाय अपराधों को दबाने या आंकड़ों में हेरफेर करने का प्रयास कर रही है। जनता की सुरक्षा के बजाय VIP सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है।छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक ढील और सख्त कार्रवाई की कमी है।पुलिस राजनीतिक दबाव में काम करने को मजबूर है। कमजोर इंटेलिजेंस और आधुनिक तकनीक की कमी के कारण या तो आरोपी पकड़ा ही नहीं जाता या फिर उस पर बाद में अपराध सिद्ध नहीं हो पाता है। जिससे आरोपियों के हौसले बुलंद हो जातें हैं। कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के कारण लोगों का भरोसा सरकार और पुलिस से उठ रहा है। महिलाएं और बच्चे खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे। छत्तीसगढ़ सरकार का दावा है कि राज्य में “कानून का राज” है, लेकिन अपराध, नक्सली वारदात और प्रशासनिक ढील साबित करती है कि सरकार कानून व्यवस्था में पूरी तरह विफल है!
परमानंद जांगड़े
प्रदेश अध्यक्ष आम आदमी पार्टी
एस.सी.विंग