पत्थलगांव विधायक गोमती साय का प्रयास लाया रंग..पत्थलगांव विधानसभा को अधिकतम छात्रावास नए भवनों की मिली स्वीकृति..कुल 09 नए भवनों के लिए राज्य सरकार ने 15 करोड़ 91 लाख रुपये किये स्वीकृत

(बबलू तिवारी)
पत्थलगांव विधानसभा को जिले में सर्वाधिक छात्रावासों की स्वीकृति के लिए मेरे विधानसभा की जनता की ओर से मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त करती हूं – विधायक गोमती साय
पत्थलगांव – आज शिक्षा और विद्यार्थियों के हित में जशपुर जिले को एक बड़ी सौगात मिली है।विकासपुरुष विष्णुदेव साय जी के नेतृत्व में आज अनुसूचित जनजाति छात्रों के लिए जिले के विभिन्न विकासखंडों एवं ग्रामों में नए छात्रावास भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है।छात्रावास भवनों के निर्माण के लिए मंजूरी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित आवासीय सुविधा सुनिश्चित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
पत्थलगांव विधानसभा में विधायक गोमती साय के लगातार प्रयास रंग लाने लगा है आज छात्रावासों की स्वीकृति में पत्थलगांव विधानसभा को जिले में अधिकतम 9 भवन निर्माण हेतु कुल 15 करोड़ 91 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है।नए भवन निर्माण में पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कांसाबेल 2 करोड़ 89 लाख,पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दोकड़ा 1 करोड़ 92 लाख,प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कांसाबेल 1 करोड़ 53 लाख,प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास बटाईकेला 1 करोड़ 53 लाख,
प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास दोकड़ा 1 करोड़ 53 लाख,पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कोतबा 1 करोड़ 92 लाख,प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास कोतबा 1 करोड़ 53 लाख,प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास बागबहार 1 करोड़ 53 लाख,प्री मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास गाला 1 करोड़ 53 लाख शामिल है।जिसका निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा।
पत्थलगांव विधानसभा की विधायक गोमती साय ने कहा कि पत्थलगांव विधानसभा को जिले में अधिकतम 09 छात्रावासों की स्वीकृति के लिए मैं अपने विधानसभा की जनता की ओर से मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी को बहुत बहुत धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त करती हूं और इन स्वीकृत 09 भवनों को जनता को समर्पित करती हूँ।निश्चित ही इन भवनों के नव निर्माण से आदिवासी बच्चो को अच्छी सुविधा मिलेगी और उनकी शिक्षा के क्षेत्र में यह मील का पत्थर साबित होगा।