पूर्व SEBI प्रमुख माधबी की मुश्किलें नही हो रही कम, मुंबई के स्पेशल कोर्ट ने दिए FIR के आदेश, 28 फरवरी को अपना 3 साल का कार्यकाल किया था पूरा

(प्रदीप गुप्ता)

दिल्ली। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई की एक विशेष अदालत ने शनिवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की पूर्व अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और पांच अन्य के खिलाफ कथित शेयर बाजार धोखाधड़ी और नियामक उल्लंघनों के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।यह आदेश न्यायाधीश शशिकांत एकनाथराव ने एक स्थानीय पत्रकार की याचिका पर पारित किया, जिन्होंने बुच और अन्य द्वारा किए गए कथित अपराधों की जांच की मांग की थी, जिसमें बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी, नियामक उल्लंघन और भ्रष्टाचार शामिल थे।

आदेश में कहा गया है, “प्रथम दृष्टया नियामक चूक और मिलीभगत के सबूत हैं, जिसके लिए निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है।” न्यायाधीश एकनाथराव ने यह भी फैसला सुनाया कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सेबी की निष्क्रियता के कारण सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) के प्रावधानों के तहत न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है।अदालत का यह आदेश शुक्रवार को बुच द्वारा सेबी प्रमुख के रूप में अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के एक दिन बाद आया।

माधबी पुरी बुच पर लगे आरोप क्या हैं?

शिकायतकर्ता के अनुसार, सेबी अधिकारियों ने एक ऐसी कंपनी को सूचीबद्ध करने की अनुमति दी जो विनियामक मानदंडों को पूरा करने में विफल रही, जिसके कारण बाजार में हेरफेर हुआ और निवेशकों को नुकसान हुआ। इसमें सेबी और कॉर्पोरेट संस्थाओं के बीच मिलीभगत, इनसाइडर ट्रेडिंग और लिस्टिंग के बाद सार्वजनिक धन की हेराफेरी का भी आरोप लगाया गया है।
शिकायतकर्ता ने कहा कि कई बार पुलिस स्टेशन और संबंधित नियामक निकायों से संपर्क करने के बावजूद, कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अदालत ने कहा कि वह जांच की निगरानी करेगी और 30 दिनों के भीतर स्थिति रिपोर्ट मांग की है

पिछले साल अगस्त में, अब बंद हो चुकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया था कि माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने अडानी समूह से जुड़ी विदेशी(देश के बाहर) संस्थाओं में अघोषित निवेश किया था।

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