Honey Trapping Case: फरार आरोपियों को पकड़ने में पुलिस के छूटे पसीने, सरेंडर की सूचना के बाद शुरू हुई सौदेबाजी, खाखी और सफेद पोश नेताओ की क्या है भूमिका?

(देवेश साहू)

बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में चर्चित सेक्स स्कैंडल हनी ट्रैपिंग(Honey Trapping)मामले में फरार आरोपी मास्टर माइंड शिरीष पांडे समेत अन्य दो आरोपियों को पकड़ने में पुलिस के पसीने छूटने लगे है। मामले में पहली एफआईआर(FIR) 30 मार्च को हुई थी इधर 145 दिन बीत जाने के बाद भी फरार आरोपी पुलिस को छकाने में कामयाब नजर आ रहें है। गौरतलब है की बलौदाबाजार में धनाड्या लोगो को हनी ट्रैपिंग के जाल में फंसा कर मोटी रकम की उगाही करने का मामला सामने आया था। जिसमें सुनियोजित तरीके से इस पूरे काम को सरगने के द्वारा अंजाम दिया जाता था। पहले लोगो को हनी ट्रैपिंग के जाल में फंसाया जाता था फिर उनकी फोटो-वीडियो कैदकर झूठे मामले में फसाने की धमकी देकर मोटी रकम उगाही की जाती थी।


मामले में दर्ज है 4 एफआईआर
जानकारी के अनुसार पुलिस ने 30 मार्च को पहली एफआईआर दर्ज की थी वहीं तीन अन्य एफआईआर 7 मार्च को सिटी कोतवाली( City Kotwali) में दर्ज की गई थी जिसमे नामजद 9 आरोपियों के नाम पीड़ित ने दर्ज कराया था। दूसरी एफआईआर में पीड़ित से भयादोहन कर आरोपियों ने 15 लाख की वसूली की थी। जिसमे पीड़ित ने 10 लाख रुपए नगद मास्टर माइंड शिरीष पांडे(Shirish Pandey) को दिया था वही 5 लाख किसी के खाते में ट्रांसफर की गई थी। वही तीसरे एफआईआर में पीड़ित से 2 लाख 75 हजार की वसूली आरोपियों ने की थी। साथ ही चौथे एफआईआर में पीड़ित ने बताया था कि राम फेकर और संकेत शुक्ला नामक व्यक्ति के साथ जाकर 6 लाख रुपए संकेत शुक्ला को देना बताया है जिसे संकेत शुक्ला ने पीड़ित के सामने मामले के आरोपी हीराकली बंजारे और रवीना टंडन को दिया जिसे मामले में शामिल आरोपियों ने आपस में बंदरबाट किया है।

5 आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी

मामले में पुलिस ने महान मिश्रा, प्रत्युष मर्रैय्या, दुर्गा टंडन, रवीना टंडन व पुष्पमाला फेकर को गिरफ्तार किया था जो जमानत में बाहर है। इनमें कुछ लोगों ने अपने बयानों में ऐसे कुछ नाम लिए हैं जो अभी तक पुलिस द्वारा सामने नहीं लाए गए हैं। अब सवाल यह है कि गिरफ्तारी(arrest) के बाद मास्टर माइंड शिरीष पांडे मामले में शामिल अन्य लोगों का भी नाम उजागर करेगा या सौदेबाजी कर अपनी जान छुडाएगा यह देखने वाली बात होगी?

पुलिसकर्मी व सफेदपोश नेता की क्या भूमिका?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस पूरे मामले में कई पुलिसकर्मी व सफेदपोश लोग शामिल है, पूरे मामले में प्रारंभिक तौर से ही कोतवाली थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक और तत्कालीन थाना प्रभारी की भूमिका प्रत्यक्ष तौर पर पुलिसिया कार्रवाई का भय दिखाकर लंबे सौदेबाजी की बात चल रही थी लेकिन साहब के ट्रांसफर और उक्त पुलिस कर्मी के लाइन हाजिर होने के बाद मामला दबता चला जा रहा है, जबकि सूत्रों ने यह तक दावा किया कि तत्कालीन मुखिया के अलावा अतिरिक्त ने भी उक्त पुलिस कर्मियों से कार्रवाई का भय दिखाकर लाखों में सौदा किया साथ ही सूत्रों ने यहाँ तक दावा किया कि लाइन हाजिर होने वाले पुलिसकर्मी ने तो डंके के चोट में सभी अधिकारियों को मुट्ठी में रखने का दावा करता है, साथ ही अन्य थाने सहित कोतवाली में पदस्थापना के दौरान 1 नम्बर की कमान संभालने के कारण करोड़ो की बेहिसाब संपत्ति और अधिकारियों को इशारों में नचाना उक्त पुलिसकर्मी का बाखूबी तरीका रहा है, तभी तो उक्त कर्मी का आएं दिन कार चेंज करने के अलावा राजधानी सहित तमाम जगहों पर जमीन की प्रॉपर्टी बनाने की सूचना है, बहरहाल इनके नाम मास्टर माइंड के गिरफ्तारी के बाद उजागर हो सकते है। शहर में ये भी चर्चा है की मास्टर माइंड अपने आप को सरेंडर करने वाला है लेकिन इससे पहले मामले में शामिल आरोपियों से नाम न लेने के लिए सौदेबाजी में लगा है। हालांकि इन बातों में कितनी सच्चाई है यह तो वक्त के गर्भ में है।लेकिन सूत्रों की माने तो अभी तक ये पुलिस की जांच में ही है,पीड़ित ने एफआईआर में जिन नामों का जिक्र किया है उस पर भी विवेचना जारी है आगे कार्रवाई हो सकती है।

मामले में विवेचना है जारी,जल्द होगी गिरफ्तारी– अजय झा
इधर मामले में कोतवाली प्रभारी अजय झा का कहना है की प्रकरण में विवेचना जारी है जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है। वही एफआईआर में पीड़ित ने जिनके नाम का जिक्र किया उसपर विवेचना के आधार पर आगे कार्रवाई करने की बात कहीं है साथ ही शिरीष पांडे के सरेंडर करने की जानकारी पुलिस को नही होना बताया है।

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