क्षेत्र में संचालित अवैध लाल ईंट भट्ठे, शासन के नियमों को दिखा रहे ठेंगा कार्रवाई को लेकर उठ रहे सवाल
(हेमंत बघेल)
कसडोल। विकासखंड के ग्रामीण अंचलों में बिना अनुमति के लाल ईंट का निर्माण बहुत ही जोरों से किया जा रहा है। ज्यादातर ईंट भट्ठे नदी एवं नालों के तट किनारे चल रहे हैं। इससे नदी तट के मिट्टी का दोहन होने के साथ ही हरे-भरे पेड़ की कटाई कर लकड़ी का उपयोग में लाने से पर्यावरण की क्षति हो रही है। इधर विभाग द्वारा स्टॉप की कमी का बहाना बनाकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। अवैध ईंट भट्ठे चलाने की जानकारी होने के बाद भी अधिकारी कार्रवाई करने से बच रहे हैं। एनजीटी ने लाल ईंट निर्माण को लेकर रोक लगा रखी है। लेकिन क्षेत्र में इसी ईंट का निर्माण किया जा रहा है।
खनिज विभाग से ईंट का निर्माण करने अनुमति दी जाती है। इसके बदले विभाग को संचालक द्वारा राॅयल्टी राशि देना पड़ता है। लेकिन अवैध रुप से ईंट का निर्माण करने से सीधे तौर पर शासन व विभाग को राॅयल्टी राशि का नुकसान हो रहा है। इन अवैध ईंट भट्टे से करोड़ों रुपए की राजस्व का नुकसान हो रहा है।
क्षेत्र में सैकड़ों अवैध ईंट भट्ठे हैं संचालित
विकासखंड में सैकड़ों लाल ईंट भट्टे हैं, इनमें से एक भी ईंट निर्माणकर्ताओं द्वारा राजस्व अथवा खनीज अधिनियमों का पालन नहीं किया जाता है। नियम अनुसार ईंट निर्माण के लिए विभाग से हर साल अनुमति लेना जरूरी है। लेकिर एक बार अनुमति लेकर रिनिवल नहीं किया गया। इस तरह से अवैध रूप से संचालन हो रहा है। इस बात की जानकारी राजस्व विभाग के अलावा खनिज विभाग को भी है। लेकिन ईंट भट्ठा संचालकों के विरूद्ध अब तक कार्रवाई नहीं हो पाई है। गर्मी के सीजन में लाल ईंट का मकान निर्माण में किया जा रहा है। इसे लेकर कई बार अनुविभागीय अधिकारी(रा) एवं तहसीलदार के पास शिकायत की गई है। इसके बावजूद एक भी लाल ईंट भट्ठा संचालक के विरूद्ध कार्रवाई नहीं की गई है। खनिज विभाग के अंतर्गत आने वाले इस कार्य को लेकर राजस्व विभाग के अफसर भी कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साधे हुए हैं।
भट्टों से निकलने वाले धूल और प्रदूषण के कारण पर्यावरण ही नहीं बल्कि जमीन व खेत की उपजाऊ पन भी नष्ट होने के कगार पर है।
लाल ईंट भट्ठों से निकलने वाले धुँए प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर होता है विपरीत असर
धूल व धुएं के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर भी पड़ रहा है। जिससे लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। विकासखंड अंतर्गत कसडोल के ग्राम थरहिडीह, मड़कड़ा, मल्दा, पिकरी, छेछर, भद्रा, सिनोधा, खर्वे, दर्रा, मालीडीह, कोसमसरा, बिलारी एवं टुण्ड्रा तहसील क्षेत्र के ग्राम कुम्हारी खपरीडीह,टुण्ड्रा, मोहतरा, कोटियाडीह, हसुआ बलौदा, धमलपुर में अवैध ईंट भट्ठे अधिक हैं। इसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है।



