सत्यापन शुल्क के नाम पर नाप तौल विभाग के लाइसेंसधारी कर रहें जमकर वसूली, कसडोल व्यापारियों में रोष, रिपेयरिंग के नाम पर हो रहा जमकर वसूली, बिना सर्विस के वसूली से नाराज व्यापारी
(हेमंत बघेल)
कसडोल। जिले में इन दिनों नाप-तौल विभाग द्वारा लगातार कैम्प लगाकर इलेक्ट्रॉनिक तराजू बाँट मशीन का सत्यापन किया जा रहा है, लेकिन विभाग के नियमों को दरकिनार करते हुए यहाँ विभाग के अधिकारियों के संरक्षण पर जमकर वसूली की जा रही है, आपको बता दे कि कर्मा भवन कसडोल में कैम्प लगाकर विभाग के लाइसेंसीधारियों द्वारा मंगलवार को कसडोल के व्यपारियो को कुछ दिनों पूर्व नोटिस देकर तराजू बॉट की जाँच के लिए मंगलवार को बुलाया गया था जहाँ लाइसेंसधारियों द्वारा सील, जांच सहित रिपेयरिंग के नाम पर नियम के विपरीत अतिरिक्त पारिश्रमिक शुल्क लिया गया। जबकि सूत्रों की मानें तो मौके में लाइसेंस धारी कर्मचारियों के अलावा विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को मौजूद रहना चाहिए लेकिन मौके पर विभाग के कर्मचारी नदारद रहें। और कई घंटों तक व्यापारियों से मनमाना शुल्क वसूली करते रहें।
कसडोल नगर के व्यपारी हृदय जायसवाल, मनीष कुमार साहू सहित यशवन्त जायसवाल ने कहा कि विभाग के द्वारा नियमों के विपरीत राशि वसूली जा रही है। तराजू बांट सत्यापन का शुल्क लेने के अलावा सर्विस चार्ज के नाम पर मनमाना शुल्क की वसूली की जा रही है। जबकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नियमों के तहत बिना सर्विस रिपेयरिंग किये चार्ज अप्लाई करना गैर कानूनी है, लेकिन यहाँ अधिकारियों के संरक्षण में ही लाइसेंसधारी वसूली कर रहें है। इधर मंगलवार को मीडिया के द्वारा जानकारी देने के बाद नाप तौल के निरीक्षक दामोदर वर्मा मौके पर पहुँचे जरूर लेकिन कार्रवाई या तमाम व्यापारियों से जांच करते नही दिखे बहरहाल अब अवैध वसूली पर व्यापारी वर्ग नाराज दिखाई दे रहें है।
“यह हो रहा था जांच के नाम पर”
नोटिस के बाद मंगलवार को तराजू बांट के सत्यापन और रिपेयरिंग के लिए पहुँचे व्यापारियों के बांटो को नापतौल विभाग के लाइसेंसधारी द्वारा सत्यापन और रिपेयरिंग किया जा रहा था जिनसे शासकीय सत्यापन शुल्क के अलावा क्षमता के मुताबिक बिना सर्विस के ही कई व्यापारियों से चार्ज लिया जा रहा था इधर रिपेयरिंग कर रहे शेख निरूदीन जो बतौर रिपेयरिंग का काम करते है उन्होंने मीडिया से कहा कि शासन से कोई तनख्वा नही मिलने के कारण सत्यापन करने के साथ ही आमजन से सर्विस शुल्क लिया जा रहा है, लेकिन यहाँ जानकार और सूत्र की मानें तो व्यापारियों के तराजू पर तकनीकी खराब होने पर ही शुल्क लिया जाना था लेकिन यहाँ तो सब सही की तर्ज पर सबसे सर्विस चार्ज जोड़ पैसा उगाही किया जा रहा था ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब इलेक्ट्रॉनिक मशीन या तराजू में कोई खराबी ही नही तो आखिर शुल्क किस बाबत लिया गया, क्या अधिकारी ही व्यापारियों को गुमराह कर कई वर्षों से लाइसेंसधारियों के माध्यम से वसूली कराया जा रहा यह बड़ा सवाल है, बहरहाल अब जिले के संवेदनशील कलेक्टर दीपक सोनी उक्त मामलों पर किस तरह जांच और कार्रवाई करते है यह देखने वाली बात होगी।
इनका कहना है…
कसडोल में तराजू सत्यापन किया जा रहा है, लाइसेंसधारी के पास आदेश की कॉपी मौजूद है, व्यापारियों से तराजू के सत्यापन सील के लिए शुल्क लिया जा रहा है, उसके अलावा अगर तराजू में कोई समस्या है, तो उस तराजू पर सर्विस कर सत्यापन शुल्क का 125 प्रतिशत शुल्क लिया जाना नियम पर है, इसके अतिरिक्त शुल्क नही लिया जा सकता। अगर नियमविरुद्ध लिया गया तो लाइसेंसधारी को नोटिश जारी किया जायेगा। इसके बाद लाइसेंस निलंबित होगा। वैसे मैं आ रहा हूं देखता हूँ।