खबर शतक लगातार: पूर्व बीईओ का फर्जी सिग्नेचर कर 2 वर्षों तक मिडिल स्कूल में पढ़ाता रहा शिक्षक, बीईओ की मेहरबानी से शिकायत के बाद नहीं हुई कार्रवाई, जुलाई माह का वेतन भी हुआ जारी
 
                (हेमंत बघेल)
कसडोल। बीते दिवस खबर शतक.इन के द्वारा “फर्जी आदेश बनाकर पढ़ा रहा था शिक्षक, मूल शाला में वापिसी पर खुली पोल, प्रधानपाठक ने कलेक्टर सहित शिक्षा अधिकारियों को किया शिकायत” हैडिंग से खबर का प्रकाशन किया गया था जिसपर अभी तक कार्रवाई नही हुई है।
 इधर सूत्रों की माने तो विभाग के अधिकारी फर्जी तरीके से जारी किए वेतन एवं लाखों के कमीशन के आगे कार्रवाई करने पर गुरेज कर रहें है। लेकिन खबर शतक.इन की नजर कार्रवाई के अंतिम पायदान तक टिकी रहेगी। दरअसल विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला नारायणपुर के प्रधान पाठक सम्मेलाल साहू ने बीते 23 जुलाई को प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी कसडोल अरविंद ध्रुव को शिकायत किया था जिसपर शिकायतकर्ता ने बताया कि संतोष साहू सहायक शिक्षक एलबी को दिनांक-02/01/2023 को शासकीय प्राथमिक शाला नारायणपुर से आदर्श शासकीय प्राथमिक शाला कसडोल के लिए रिलीफ किया गया था लेकिन संतोष साहू सहायक शिक्षक ने दिनांक 2/01/2023 को तात्कालीन बीईओ राधेलाल जायसवाल का सिग्नेचर कर फर्जी आदेश और शिकायतकर्ता प्रधान पाठक नारायणपुर सम्मेलाल का भी फर्जी साइन कर 2 वर्षों तक पूर्व माध्यमिक शाला कसडोल में पढ़ाता रहा। लेकिन जब शासन के आदेश के तहत युक्तियुक्तकरण के तहत मूल शाला में जाने का आदेश जारी हुवा तो चोरी पकड़ी गई। शासन के आदेश के तहत दिनांक-17/06/2025 को पूर्व माध्यमिक शाला कसडोल से कार्यमुक्त किया गया। जहां प्राथमिक शाला नारायणपुर जाने पर पूर्व माध्यमिक शाला कसडोल का कार्यमुक्त आदेश दिखाया गया। लेकिन शिकायतकर्ता प्रधानपाठक के द्वारा आदर्श स्कूल का आदेश लेकर आने को कहा लेकिन अभी तक स्कूल में जॉइनिंग नहीं किया गया। बावजूद सूत्रों की मानें तो कसडोल विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने जुलाई माह का वेतन भी संतोष साहू सहायक शिक्षक को जारी कर दिया गया।
इधर सूत्रों की माने तो विभाग के अधिकारी फर्जी तरीके से जारी किए वेतन एवं लाखों के कमीशन के आगे कार्रवाई करने पर गुरेज कर रहें है। लेकिन खबर शतक.इन की नजर कार्रवाई के अंतिम पायदान तक टिकी रहेगी। दरअसल विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला नारायणपुर के प्रधान पाठक सम्मेलाल साहू ने बीते 23 जुलाई को प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी कसडोल अरविंद ध्रुव को शिकायत किया था जिसपर शिकायतकर्ता ने बताया कि संतोष साहू सहायक शिक्षक एलबी को दिनांक-02/01/2023 को शासकीय प्राथमिक शाला नारायणपुर से आदर्श शासकीय प्राथमिक शाला कसडोल के लिए रिलीफ किया गया था लेकिन संतोष साहू सहायक शिक्षक ने दिनांक 2/01/2023 को तात्कालीन बीईओ राधेलाल जायसवाल का सिग्नेचर कर फर्जी आदेश और शिकायतकर्ता प्रधान पाठक नारायणपुर सम्मेलाल का भी फर्जी साइन कर 2 वर्षों तक पूर्व माध्यमिक शाला कसडोल में पढ़ाता रहा। लेकिन जब शासन के आदेश के तहत युक्तियुक्तकरण के तहत मूल शाला में जाने का आदेश जारी हुवा तो चोरी पकड़ी गई। शासन के आदेश के तहत दिनांक-17/06/2025 को पूर्व माध्यमिक शाला कसडोल से कार्यमुक्त किया गया। जहां प्राथमिक शाला नारायणपुर जाने पर पूर्व माध्यमिक शाला कसडोल का कार्यमुक्त आदेश दिखाया गया। लेकिन शिकायतकर्ता प्रधानपाठक के द्वारा आदर्श स्कूल का आदेश लेकर आने को कहा लेकिन अभी तक स्कूल में जॉइनिंग नहीं किया गया। बावजूद सूत्रों की मानें तो कसडोल विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने जुलाई माह का वेतन भी संतोष साहू सहायक शिक्षक को जारी कर दिया गया।
यह था पूरा मामला…
शासकीय प्राथमिक शाला नारायणपुर के प्रधान पाठक सम्मेलाल साहू ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी सहित जिले के तमाम उच्च अधिकारियों के समक्ष सहायक शिक्षक संतोष कुमार साहू की शिकायत किया है, शिकायत में उक्त प्रधान पाठक ने आरोप लगाया है कि श्री साहू प्रधानपाठक व तात्कालिक बीईओ का फ़र्जी हस्ताक्षर से प्रमाणपत्र तैयार कर बीते दिनांक 02.01.2023 से 06.06.2025 तक फर्जी आदेश के तहत नौकरी किया। दरअसल प्रधानपाठक ने सौंपे शिकायत पत्र में बताया कि सहायक शिक्षक संतोष कुमार साहू का मूल शाला नारायणपुर था लेकिन तात्कालिक बीईओ राधेलाल जायसवाल द्वारा शासकीय प्राथमिक शाला आदर्श कसडोल में अध्यापन व्यवस्था हेतु बीते दिनांक 02.01.2023 को आदेश क्रमांक 06 के तहत आदेशित किया गया था जिसके परिपालन में दिनांक- 02.01.2023 को शासकीय प्राथमिक शाला आदर्श कसडोल के लिए संतोष कुमार साहू सहायक शिक्षक को कार्यमुक्त कर दिया गया था लेकिन उक्त शिक्षक ने वहाँ जॉइनिंग नही किया बल्कि फर्जी आदेश बनाकर अन्य स्कूल में जॉइनिंग लेकर पढ़ाते रहें। साहब की पोल तो तब खुला जब शासन के आदेशानुसार सभी अध्यापन व्यवस्था किये गये शिक्षकों को अपने मूल शाला में वापिस करने का कुछ दिनों पूर्व आदेश जारी किया गया। जब शासन का डंडा चला तो उक्त गुरु जी अपने मूल शाला नारायणपुर में बीते 23 जून को जॉइनिंग करने पहुँचा। लेकिन जब उक्त गुरु जी शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कसडोल से कार्यमुक्त का प्रमाण पत्र लेकर पहुँचे। तो प्रधानपाठक दंग रह गए।
प्रधानपाठक ने उक्त गुरु जी से सवाल किया की उसके द्वारा शासकीय प्राथमिक शाला आदर्श कसडोल के लिए कार्यमुक्त किया गया था। फिर आपके द्वारा अन्य स्कूल से किस तरह आदेश लेकर पहुँच रहें है, इस कारण आप वहीं से कार्यमुक्त का प्रमाण पत्र लाइये या शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कसडोल के लिए जो आदेश निकाला होगा उसे लाइये। फिर आपका कार्यभार हो जायेगा। लेकिन उक्त गुरु जी संतोष साहू के द्वारा आज तक कार्यभार व आदेश की कागजात नहीं लाया गया। साथ ही जब शिकायतकर्ता प्रधानपाठक ने शास.पू.मा.शाला कसडोल जाकर प्रधानपाठक से जानकारियां लिया गया।तो प्रधानपाठक के द्वारा मोबाईल पर एक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कसडोल का आदेश की छायाप्रति और एक शासकीय प्राथमिक शाला नारायणपुर से कार्यमुक्त का छायाप्रति भेजा गया जो कि उक्त दोनों छायाप्रति फर्जी है। चूंकि आदर्श प्राथ. शाला कसडोल और शास.पू.मा.शा. कसडोल के लिए निकाले गए आदेश का क्रमांक दोनों का एक ही है।
जिसका क्रमांक 06 है तथा कार्यमुक्त का प्रमाणपत्र में मेरा हस्ताक्षर व शील को फोटोकापी करके फर्जी तरीका से किया गया है व हस्ताक्षर मेरा ओरिजनल वास्तविक हस्ताक्षर नहीं है। तथा उस वक्त पूर्व बी.ई.ओ. राधेलाल जायसवाल थे जिनसे मैने इस आदेश के संबंध में मोबाईल से जानकारियां लिया तो उन्होंने बताया कि मैं शा.पू.मा.शा. कसडोल के लिए कोई आदेश नहीं निकाला। वह फर्जी तरह से मेरा हस्ताक्षर कर आदेश बनवाया होगा। जिसका आवक-जावक रजिस्टर में कोई उल्लेख नहीं है। इस तरह से मुझे बताया गया है। इस कारण इससे साबित होता है कि संतोष कुमार हस्ताक्षर कर दिनांक 02.01.2023 से 06.06.2025 तक फर्जी तरह से नौकरी कर वेतन लिया गया । शिकायतकर्ता ने विकासखंड शिक्षा अधिकारी से आग्रह किया है, कि उक्त सभी बातों को ध्यान में रखते हुए इनके ऊपर उचित कार्यवाही कर शास.प्रा.शा. नारायणपुर में एक शिक्षक की व्यवस्था किया जाए। शिकायतकर्ता ने कहा कि स्कूल में बच्चों की कुल दर्ज संख्या 67 है। इस कारण 3 शिक्षकों की आवश्यकता है। इधर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अब तक शिकायत पर जांच तक नही किया है। कुलमिलाकर अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत को चरितार्थ करते हुऐ शिक्षा विभाग के अधिकारी कार्य करते दिख रहें है।
इनका कहना है…
मुझे जानकारी नहीं है मेरे खाते में पेमेंट आया है या नही। क्योंकि मेरे बच्चे लोग बाहर में पढ़ते है उनके पास मेरा एटीएम रहता है। मोबाइल के मैसेज को देखा नहीं हूँ मुझे वेतन की कोई जानकारी नहीं है।
संतोष साहू
सहायक शिक्षक
पूर्व माध्यमिक शाला से ओरिजनल दस्तावेज मंगवाया गया है और उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार कर जिला शिक्षा अधिकारी को भेजा जा रहा है इसमें प्रारम्भिक तौर पर संतोष कुमार साहू की गलती नजर आ रही है प्रतिवेदन भेजने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।।वेतन के लिए हर माह संकुल से उपस्थिति पत्र आता है उनके आधार पर भुगतान किया जाता है।
अरविंद ध्रुव
प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी, कसडोल
मुझे प्रधानपाठक द्वारा वेतन बनाकर दिया जाता है जिसे मैं बीईओ ऑफिस में देता हूं संतोष साहू का वेतन के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।



