प्रेम स्वार्थ परक नहीं बल्कि स्वार्थ रहित होना चाहिए: पंडित भूपेश

(हेमंत बघेल)

कसडोल। प्रेम स्वार्थ परक नहीं बल्कि स्वार्थ रहित होना चाहिए। समीपस्थ ग्राम पंचायत छरछेद में साहू परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा के छठवें दिन उद्धव चरित्र के प्रसंग पर देवरीकला निवासी आचार्य प भूपेश देव दुबे ने उक्त बातें कही ।

उन्होंने कहा कि उद्धव चरित्र जिसमें गोपियों ने उद्धव को प्रेम का पाठ पढ़ाया कि आखिर प्रेम क्या होता है। प्रेम में देना ही देना होता है लेना नहीं होता अर्थात दूसरे शब्दों में कहें कि प्रेम स्वार्थ रहित होता है स्वार्थ परक नहीं। प्रेम ऐसा होना चाहिए जिसमें अपने प्रियतम की खुशी में हमारी खुशी हो । उन्होंने इसके पूर्व भगवान श्री कृष्ण की रास लीला का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान हमे गोपी भाव से ही मिलते हैं अर्थात हमारे मन भगवान के प्रति गोपियों की तरह निस्वार्थ प्रेम हो तभी भगवान हमे मिल सकते हैं।तत्पश्चात श्री कृष्ण का मथुरा गमन और मथुरा में कंस का उद्धार आदि की कथा श्रोताओं को सुनाया जिससे श्रद्धालु जन गदगद हो गए । वही श्री कृष्ण अवतार में भगवान ने अनेक दुष्टों का किए और द्वारकाधीश बनकर रूखमणि से विवाह किए जिसकी कथा श्रद्धालु जनों को सुनाया । इस अवसर पर श्रद्धालु जन खूब झूमें। कार्यक्रम में रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु जन विभिन्न गांवों से पहुंचकर कथा का आनंद ले रहे हैं।

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