पति के दीर्घायु एवं खुशहाली के लिए सुहागिन महिलाओं ने रखा वट सावित्री व्रत।

(राकेश चंद्रा)

बिजुरी। हिंदू धर्म में सुहागन महिलाओं के लिए वट सावित्री के व्रत और पूजा का बड़ा विशेष महत्व होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और उनकी खुशहाली के लिए वट वृक्ष की पूजा करती हैं, और साथ में व्रत भी रखती हैं। यह पर्व ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को पड़ता है, जो इस वर्ष 06 जून दिन गुरुवार को पड़ा। लिहाजा सुहागिन महिलाओं ने आज पूरे विधी-विधान से पूजा कर, वट सावित्री का व्रत रखा। और अपने-अपने पति के दीर्घायु एवं खुशहाली कि प्रार्थना किए।

वट सावित्री व्रत कि महत्वता-

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को ही सावित्री ने यमराज को अपने पति सत्यवान के प्राण लौटाने के लिए विवश कर दिया था। इसलिए सभी विवाहित स्त्रियां भी अपने पति की दीर्घायु और खुशहाली के लिए इसी दिन पूजा एवं व्रत करती हैं।

विधि-विधान से की गयी पूजा, रखा गया व्रत-

गुरुवार 06 जून को महिलाऐं वट सावित्री व्रत को करने के लिए ब्रह्म मुहुर्त में ही उठकर स्नान आदि से निवृत होकर। पूजा के लिए भिन्न-भिन्न रंग के वस्त्र परिधान पहनकर, पूर्ण श्रृंगार करते हुए पूजा में सम्मिलित हुयी। एवं पूजा के पूर्व वट वृक्ष के नीचे साफ-सफाई कर, गंगाजल का छिड़काव किए। तदपश्चात पेड़ में जल अर्पित कर षोडश विधि से पूजा की, जिसमें धुप, दीप, फल मिठाई सहित श्रंगार इत्यादि अर्पित कर, वट वृक्ष के चारों तरफ सात बार कच्चा धागा को लपेटते हुए परिक्रमा की। अंत में सभी ने सामूहिक रूप से सावित्री व्रत की कथा सुन, सामर्थ अनुसार दान किऐ।

इन्हें भी पढ़े