लापरवाही: औषधि पौधारोपण की जगह मिश्रित पौधों का हो रहा रोपण, मानसून के प्रारंभ में नही हुआ रोपण, निंदाई की जगह चल रहा रोपण कार्य, सोनाखान रेंज के भरका का मामला

(हेमंत बघेल)

कसडोल। उपवनमंडल कसडोल अंतर्गत वन परिक्षेत्र सोनाखान द्वारा असिंचित औषधि वृक्षारोपण का कार्य कक्ष क्रमांक 180 उपचारित रकबा तकरीबन 125 हेक्टेयर में 50 हजार पौधों का रोपण भरका में किया जा रहा है। जिसमें विभाग द्वारा गभीर लापरवाही किया जा रहा है, आपको बता दे कि यहाँ वन विभाग द्वारा औषधि वृक्षारोपण कार्य को मानसून के प्रारंभ में ही करना चाहिए था जिसमें जुलाई में यह कार्य समाप्त हो जाना चाहिए था साथ ही अभी निंदाई का कार्य प्रारंभ हो जाना था लेकिन विभाग द्वारा लेटलतीफी कर अभी तक पौधारोपण का कार्य किया जा रहा है, सूत्रों की मानें तो विभाग द्वारा लेटलतीफी कर 13 से 14 जुलाई से ही औषधि वृक्षारोपण कार्य प्रारंभ किया और आज 6 अगस्त बीतने वाला है लेकिन यहाँ अभी भी पूरा कार्य नही हो सका है। इधर विभाग द्वारा यहाँ जो पौधे लगाए जा रहे हैं उनमें कई पौधों की लम्बाई तकरीबन 2 से 3 फिट हैं सबकी शासन के नियमानुसार औषधि पौधरोपण पर 4 फिट का पौधों का रोपण करना है। लेकिन यहाँ विभाग द्वारा चंद पौधों को छोड़कर सभी पौधा 1 से 2 फिट तक बस रोपण किया जा रहा हैं।

ट्रेनिंग के बावजूद नही है जानकारी

सोनाखान रेंज अन्तर्गत ग्राम भरका में विभाग द्वारा पौधारोपण पर बीट प्रभारी को भी सही जानकारी नही है, जबकि बीट प्रभारियों को विभाग द्वारा लाखों खर्च कर ट्रेनिंग के साथ अन्य माध्यमों से पौधारोपण की जानकारी दिया जाता है, बावजूद यहाँ के प्रभारी को किसी तरह की जानकारी नही है, इससे साफ इंकार नही किया जा सकता कि यहाँ किस तरह वरिष्ठ अधिकारी अपने मातहत कर्मचारियों को किसी तरह की जानकारी न देना विभाग के कर्मचारियों को ही अंधेरे में रखा जा रहा है, या यह कर्मचारी ही मीडिया से बात छिपा कर अपने जिम्मेदारियों से इतिश्री किया जा रहा है। यह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करना चाहिए।

 

औषधीय पौधों की जगह अन्य पौधों का रोपण”

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तकरीबन 25 लाख की लागत से विभाग द्वारा असिंचित औषधि वृक्षारोपण का कार्य कराया जा रहा है। जिसमें सूत्रों की माने तो विभाग द्वारा औषधि पौधों के अलावा यहाँ नियमविरुद्ध शिशु, पेलटाफॉर्म सहित बादाम का पौधा रोपण किया जा रहा है। लेकिन यहाँ वरिष्ठ अधिकारियों ने आंख मूंद कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। और विभाग के कर्मचारी बैठे बैठें बिल वाऊचर बनाकर पैसों की होली खेली जा रही है। जबकि शासन के निर्देशानुसार यहाँ औषधि पौधों का ही रोपण किया जाना है लेकिन विभाग के अधिकारी और प्रशिक्षु अधिकारी के द्वारा प्रशिक्षण अवधि में ही इस तरह का कार्य करना कई तरह के सवाल खड़ा कर रहें है।

 

“खाद में की जा रही कमियां”

मीडिया की टीम ने जब मौके पर पहुँचकर पूरे पौधों पर नजर दौड़ाया तो विभाग द्वारा यहाँ कम खाद का उपयोग कर पौधा लगाया जा रहा था जिसमें कई पौधों की स्थिति लगाने के दौरान ही झुक जा रही थी इसके अलावा विभाग के द्वारा गंभीर संवेदनशील वनमंडलाधिकारी को भी अंधेरे में रखकर पौधा का रोपण जा रही है। यहाँ पौधा तो रोपण किया जा रहा है लेकिन पौधों को किसी तरह का ध्यान नही दिया जा रहा है इससे कई पौधा झुककर मर भी गया है लेकिन जिम्मेदारों द्वारा खानापूर्ति कर पौधों का रोपण कार्य जारी है। जबकि सूत्रों की मानें तो पौधारोपण जैसे संवेदनशील कार्यों पर मृत पौधों की जगह नया पौधों का रोपण किया जाना है। लेकिन यहाँ विभाग के द्वारा मेरी मर्जी की तर्ज पर नियमविरुद्ध लेटलतीफी कार्य कर राशि का आहरण किया जा रहा है जिसकी जांच आवश्यक है।

“साहब का ट्रांसफर फिर भी जमें”

छत्तीसगढ़ शासन के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अवर सचिव ने बीते 31 जुलाई को सोनाखान रेंज के रेंजर सुनीत साहू का ट्रांसफर वन परिक्षेत्र धवलपुर उत्पादन वनमंडल गरियाबंद कर दिया गया है लेकिन विभाग ने अभी तक उक्त अधिकारी को रिलीफ नही किया है जबकि विभागीय जानकार एवं सूत्रों की माने तो यहाँ विभाग के वनमंडलाधिकारी ने उक्त रेंज के प्रभार अर्जुनी रेंज के अधिकारी को सौंपाने पत्र लिखा जा चुका है। लेकिन सोनाखान के अधिकारी का न ही उक्त रेंज से मोह छूट रहा और न ही प्रभार संबंधित अधिकारी को दिया जा रहा है इससे साफ जाहिर होता है कि साहब मलाई की आस में रुकवाने जुगाड़ में लग चुके है और जुगाड़ लगते ही साहब पुनः प्रभार लेकर कार्य प्रारंभ कर देंगे।

 

इनका कहना है।

 

लागत को तो नहीं बता पाऊंगा मैडम के पास प्रोजेक्ट हैं प्रशिक्षु रेंजर आई हैं उसके पास जानकारी हैं कब तक लग जाना है ये जानकारी मैडम बता पाएंगी मेरे को कोई जानकारी नहीं है।

 

युधिष्ठिर डडसेना, बीट प्रभारी

 

 

मै तो अभी प्रभार ली हूँ स्टार्टिंग से सुनीत साहू जी देख रहें हैं उनसे बात कर लीजिए वही जानकारी बता पाएंगे।

आस्था यादव, प्रशिक्षु आरआफवो, सोनाखान

ऑफिस से मिलेगा डाटा गिनती चल रहा है, लंबा पौधा है, विभागीय मद से कार्य हो रहा है 2025 वर्षा ऋतु में लगना है, 5 साल का परियोजना है, पौधा उपलब्ध है पौधा कहाँ से आ रहा है, यह सब फैक्टर बहुत मायने रखता है, विभागीय समस्याओं को नहीं समझोगे तो काम नहीं बन पाएगा। यहाँ औषधि पौधा लगेगा। जिसमें आंवला, हर्रा, बहरा, करंज, नीम, सतावर और हल्दी भी लग सकता है।

 

सुनीत साहू, वन परिक्षेत्र अधिकारी सोनाखान

 

15 अगस्त तक पौधों का रोपण किया जा सकता है। सोनाखान के रेंजर का ट्रांसफर हो गया है लेकिन विभाग के पास 10 दिनों तक समय होता है। इसलिए अभी रिलीफ नही किया गया है।

गणवीर धम्मशील

वनमंडलाधिकारी, बलौदाबाजार

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