भारतीय रिजर्व बैंक की जमाकर्ता शिक्षा व जागरुकता कार्यक्रम के अंतर्गत समर्पित संस्था की एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न

(हेमंत बघेल)
कसडोल। समर्पित संस्था द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक की जमाकर्ता शिक्षा व जागरुकता कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शहीद वीर नारायण सिंह गर्वनेंमेंट आई.टी.आई. कॉलेज असनीद में किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बैंक उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों एवं उनके हितार्थ वित्तीय योजनाओं के प्रति जागरुक करना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रुप में शहीद वीर नारायण सिंह शासकीय आई.टी.आई के प्राचार्य चद्रंशेखर वर्मा ने कहा कि वित्तीय शिक्षा वर्तमान समय कि महत्वपूर्ण आवश्यकता है, क्योंकि वित्तीय समझ से व्यक्ति अपनी व परिवार की आर्थिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित कर सकता है। उन्होंनें कहा कि बैंक से जुड़ा प्रत्येक व्यक्ति का यह अधिकार है कि वह अपने जमा धन व निवेश की विस्तृत जानकारी बैंक प्रबंधन से प्राप्त कर सकता है और यदि बैंक प्रबंधन जानकारी नहीं देता है तो उसे तत्काल बैंकिंग लोकपाल से संपर्क करना चाहिये। ज्योति सिंह व विष्णु राव जावलकर ने उपस्थित छात्र छात्राओं के उत्साह को देखते हुये कहा कि वित्तीय मामलों की जानकारी के प्रति युवाओं की यह ललक इस बात का परिचायक है कि अब समाज में व्यापक बदलाव आने वाला है। आई.टी. आई के अधीक्षक श्याम सुंदर साहू ने युवा वर्ग के बीच में वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम आयोजित करनें के लिये समर्पित संस्था की सराहना की व उपस्थित छात्र छात्राओं को वित्तीय साक्षरता संबंधित जानकारी का संचार अपनें साथियों व समाज में करनें की अपील की। कार्यक्रम के उद्देश्य के विषय में जानकारी देते हुये समर्पित संस्था के अध्यक्ष डॉ. संदीप शर्मा ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक से जुडे उपभोक्ताओं के सामने आने वाली विभिन्न परेशानियों को देखते हुये उन्हें जागरुक करने के लिये जमाकर्ता शिक्षा और जागरुकता कार्यक्रम की शुरुआत की है। उन्होंने बताया कि जमाकर्ता अपने अधिकार और वित्तीय शिक्षा के प्रति अज्ञानता के कारण ही लगातार चिटफंड कंपनी, ऑनलाइन शॉपिंग, दूरभाष में ए.टी.एम. की जानकारी आदि माध्यमों से ठगी का शिकार हो रहा है। इन सभी को ध्यान में रखते हुये कार्यशाला के माध्यम से बैंक उपभोक्ताओं को जागरुक बनाया जा रहा है। कार्यशाला में उपस्थित मास्टर ट्रेनर हितेष मिश्रा व परियोजना संचालक नाजनीन अली ने बैंक खाता खुलवाने, उसका संचालन, बचत योजना, वित का प्रबंधन, के.वाय.सी. प्रक्रिया, बैंक ऋण, ऋण संबंधित उपभोक्ताओं के अधिकार, जमाकर्ताओं के अधिकार, बैंकिंग लोकपाल, चिटफंड कंपनियों, नान बैंकिंग फाइनेंस कंपनी आदि की विस्तृत जानकारी उपस्थिति लोगों को दी। इस कार्यशाला को सफल बनाने में, संस्था समन्वयक पी.एल. खैरवार, नीलकमल भारद्वाज, कार्तिक राम साहू, राशी ताम्रकार, निशा श्रीवास, झनकार दास पड़वार, पुनेश्वर साहू, हेम कुमारी पटेल का सराहनीय योगदान रहा। उक्त जानकारी संस्था के समन्वयक पी.एल. खैरवार के द्वारा दिया गया।