बाल्मीकि आश्रम के पास जैतखाम में चढाया पालो

(नंदू बंजारे)
टुण्डरा – बलौदाबाजार जिला के वनांचल के ग्राम तुरतुरिया जहां प्रसिद्धि बाल्मीकी आश्रम है एवं पहाडों के ऊपर आदि शक्ति माता तुरतुरिया देवी विराजमान है, मान्यता के अनुसार यहां त्रेता युग में भगवान राम इसी मार्ग से दक्षिण दिशा की ओर आगे बढे थे एवं भगवान राम के पुत्र लव और कुश का जन्म हुआ था।
इस लिए लव कुश के जन्म भूमि भी कहा जाता है, साथ ही माता तुरतुरिया को संन्तान दात्री की मान्यता है यहां मन्नत मांगने बलि प्रथा भारी संख्या में प्रचलित था जिसे सुधार करने के उद्देश्य से गुरू अगमदास के राजमहंत स्व.सुनदरलाल कोसरिया सपोष (पिथोरा) निवासी एवं रामपुर के भकला सतनामी के द्वारा गुरूघासीदास जी के संदेश पशुओं में प्रेम,सात्विक आहार ,नशामुक्त जीवन को प्रचारित करने के लिये सन 1975 में बाल्मीकि आश्रम के पास जैतखाम स्थापित किया गया था जिसका पुनरुद्धार करते हुये उनके सुपुत्र राजमहंत पी एल कोसरिया द्वारा अंचल के राजमंतो एवं वरिष्ठ समाज जनों के सहयोग से सन् 2023 से लगातार मेले के दिन विधि विधान से जैतखाम का पूजन अर्चन कर गुरूघासीदास जी के सात अमृत संदेश एवं 42 गुरूवाणियों का वाचन कर श्वेत पालो चढाया जाता है इसी कडी में दर्शनार्थियों की भारी उपस्थिति में जोडा श्वेतखाम में पालो चढाया गया, इस मौके पर मुख्य रूप से राजमहंत पी एल कोसरिया, सी आर टंडन एवं पी के घृतलहरे,तरूवर कोसरिया, श्रीमती सुलोचनी कोसरिया, अभय घृतलहरे,लखन कुर्रे,संत ऋतुदास,सत्यकुमार जोशी,महेन्द्र रात्रे,छगनलाल बनर्जी, खोलबहरा निराला,दौलत बर्मन,धरम सिंग,अशोक प्रभाकर,संतलाल निराला, छविलाल कोसरिया,राजा कोसरिया,भंडारी पुरूषोत्तम,हेमंन्त,सुमन,लता, कुसुमलता, आदि शामिल रहे।