पंचायत के जिम्मेदारों पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप, कलेक्टर से शिकायत, एसडीएम ने गठन किया जांच समिति, सरपंच ने शिकायत को बताया बेबुनियाद

(हेमंत बघेल)

कसडोल। जिले के कसडोल जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम बगार में रहने वाले निलेश शर्मा ने गांव में हुए कार्यों में भ्रष्टाचार को लेकर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, कलेक्टर बलौदाबाज़ार और सीईओ जिला पंचायत से भ्रष्टाचार की जांच और कार्यों में अनियमितता होने को लेकर बीते 30 जुलाई को कलेक्टर से शिकायत किया है। शिकतकर्ता निलेश शर्मा ने उपमुख्यमंत्री से शिकायत पत्र में लिखा है की ग्राम पंचायत बगार के सरपंच, उपसरपंच और सचिव के द्वारा 15वे वित्त आयोग (जनपद स्तर) स्वीकृत कार्यों में भारी भ्रष्टाचार एवं अनियमितता किया है। ग्राम पंचायत बगार के सरपंच मोहर सिंह यादव, उपसरपंच हीरा राम पैकरा और सचिव मनीराम ध्रुव जनपद एवं जिलास्तर के अधिकारी से मिलीभगत कर केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना 15वें वित्त (जनपद स्तर) की राशि को दुरूपयोग किया गया है, जिसकी शिकायत निलेश शर्मा और ग्रामवासियों के द्वारा कलेक्टर बलौदाबाजार को जनदर्शन में 30 जुलाई को किया गया है। जांच उपरांत दोषी पाये जाने पर संबंधितों के खिलाफ F.I.R व बर्खास्तगी की कार्यवाही की जाने की मांग किया गया। शिकायतकर्ता ने उपमुख्यमंत्री से निवेदन किया कि इस शिकायत की जांच के लिए जिलास्तरीय जांच टीम गठित कर जिसमें डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारी से जांच करावाने की मांग किया गया है। वही शिकायतकर्ता श्री शर्मा ने जिलाधीश और सीईओ जिला पंचायत बलौदाबाजार से शिकायत करते हुए बताया है की हमारे ग्राम पंचायत बगार में 15वे वित्त के 11 कार्य ऐसे है जिसमे सरपंच, उपसरपंच और सचिव के द्वारा जमकर भ्रष्टाचार और कार्यों में अनियमितता बरती गई है जिसकी जांच कर कार्यवाही किया जाय। यदि ग्राम पंचायत बगार में जांच होती है तो लाखो रुपयों की भ्रष्टाचार का मामला उजागर होगा। मगर शिकायत दिए आज से दो माह बीत चुका है मगर अभी तक जनदर्शन में शिकायत के बाद किसी भी तरह की जांच न होना कलेक्टर से लेकर सीईओ जिला पंचायत के कार्यों पर सवाल खड़े करने वाली बात है। वही इस मामले पर अनुविभागीय अधिकारी भूपेंद्र अग्रवाल ने मामले जानकारी मिलने के बाद तुरंत जांच समिति गठन किया है।

“यहाँ हुआ भ्रष्टाचार”

शिकायतकर्ता ने शिकायत में कहां कि ग्राम में पचरी निर्माण (पनख‌ट्टी तालाब) भक्का स्वीकृत राशि 1.90 लाख रूपये स्वीकृत हुआ है। लेकिन इस तालाब में मनरेगा के तहत् पञ्चरी निर्माण कार्य पिछले वर्ष ही हुआ है और सरपंच के द्वारा पुनः उसी तालाब में पचरी निर्माण कार्य 15 वे वित्त आयोग (जनपद स्तर से स्वीकृति कराकर तालाब में पहले से निर्मित 8 पचरी का नरनार कर उपअभियंता की मिलीभगत से पचरी निर्माण की राशि का गबन किया है। साथ ही कार्य नाली निर्माण (पनख‌ट्टी तालाब के पास भरका स्वीकृत राशि 1.90 लाख रूपये है। चूंकि इस तालाब में लगभग 15 मीटर निकासी नाली पहले से बना हुआ है व उसी नाली में जोड़कर सिर्फ 6 मीटर नाली निर्माण कर पुरानी नाली का मूल्यांकन एवं सत्यापन करा कर नाली निर्माण की राशि का गबन किया है।

इसके अलावा कार्य ठाकुरदेव तालाब गहरीकरण भरका स्वीकृत राशि 5 लाख रूपये है। इस तालाब में 3 वर्ष पूर्व मनरेगा के तहत गहरीकरण कार्य हुआ था। सरपंच के द्वारा इस तालाब में 15वें वित्त आयोग (जनपद स्तर) कार्य स्वीकृति कराकर ठेकेदार के द्वारा मनरेगा में पहले से गहरीकरण हुए जगह को जेसीबी से 15 से 20 घंटे खुदाई कराकर जनपद के अधिकारी की मिलीभगत से राशि का गबन किया है। मुल्यांकन एवं सत्यापन कराकर तालाब गहरीकरण कार्य की राशि का गमन किया गया है। यह कार्य 15वें वीत्त को जेसीबी के बजाय इस तालाब की मनरेगा तहत गहरीकरण कार्य कराया जा सकता था जिससे गांव वालों को रोजगार मिलता। साथ ही चबूतरा निर्माण कार्य (फिरंता घर के पास) स्वीकृत राशि 1.68 लाख रूपये। चबूतरा के निर्माण में जंगल के पत्थरों का उपयोग किया गया है।

यह चबूतरा निर्माण कार्य को गुणवत्ताहीन बनाया गया है। इसमें शासन के नियमों के अनुसार सीमेंट-गीट्टी-रेत की मात्रा नहीं मिलाया गया है जिसके कारण चबूतरा निर्माण के एक माह बाद दरार पड़ गया है। वही इस कार्य में उपसरपंच एवं उनके परिवारों के लोगों के नाम से फर्जी मास्टर रोल बनाकर राशि निकाल लिया गया है। इसके अलावा बोर खनन (नंदलाल घर के पास) भरका स्वीकृत राशि 1.90 लाख रूपये है। बोर खनन (आंगनबाड़ी के पास) भरका स्वीकृत राशि 1.90 लाख रूपये है। इन दोनो कार्यों में दो-दो सौ फीट खुदाई कराकर राशि का दुरूपयोग किया गया है। गांव में ही बोर खनन कार्य (संजय घर के पास मेन रोड में) बगार स्वीकृत राशि 1.25 लाख रूपये है। इस कार्य में भी 180 फीट खुदाई कराकर बौर के बजाय बोरिंग लगवाया गया है, जिसमे पानी भी नहीं निकल रहा है। उस जगह पर बोरिंग की आवश्यकता ही नहीं थी। लेकिन सरपंच के द्वारा अपने जाति के लोगों को लाभ पहुंचाने एवं राशि के गबन के उद्देश्य से ही इस कार्य को कराया गया है। 8. मुरूम समतलीकरण (आंगनबाड़ी के पास) भरका स्वीकृत राशि 1.90 लाख रूपये है। गौठान महामई के पास समतलीकरण फरका रवीकृत राशि 1.90 लाख रूपये है। इन दोनो कार्यों में 20-20 ट्रिप ट्रैक्टर से मुरूम दुलाई बिछायी कराकर पूरे राशि का मूल्यांकन एवं सत्थापन कराकर राशि का गबन किया है। साथ ही समतलीकरण कार्य (मेन रोड से गौतान) बगार स्वीकृत राशि 1.68 लाख रूपये है। यह कार्य मनरेगा में 2 वर्ष पूर्व ही गौठान समतलीकरण हो चुका है उसी कार्य को 15वें वित्त आयोग से स्वीकृत करा कर मात्र 15-20 ट्रिप ट्रैक्टर मुरूम डूलाई कराकर जेसीबी से समतलीकरण किया है। समतलीकरण कार्य (मेन रोड से गौठान में 02)- भरकर स्वीकृत राशि 1.68 लाख रूपये है। यह कार्य फील्ड में हुआ ही नहीं है। बिना कार्य कराये बगैर ही सरपंच के द्वारा पूरी राशि का गबन किया है। शिकायतकर्ता निलेश शर्मा के द्वारा इन कार्यों में भ्रष्टाचार होने व अनियमितता के संबंध में जांच की मांग किया गया है।

“सूचना के अधिकार से मिला जानकारी”

ग्राम पंचायत बगार में हुए भ्रष्टाचार का खुलासा तब हुआ जब निलेश शर्मा ने सूचना के अधिकार 2005 के तहत ग्राम पंचायत बगार से जानकारी मांगा, सूचना के अधिकार से मिला जानकारी अनुसार श्री शर्मा ने पूरी मामले की शिकायत उपमुख्यमंत्री, कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ किया है। अब देखना होगा कि सरपंच के द्वारा शिकायतकर्ता द्वारा लगाए जा रहें आरोप को बेबुनियाद बताया जा रहा है। हालांकि इस मामले में जांच के बाद स्थिति साफ हो जायेगा।

इनका कहना है…

मेरे द्वारा सूचना के अधिकार के तहत जानकारी प्रदान करने के बाद शिकायत किया गया है, अभी तक 2 माह हो गया है, किसी प्रकार की जांच नही किया गया है, जांच के बाद उचित कार्रवाई किया जाना चाहिए।

नीलेश शर्मा, शिकायतकर्ता

शिकायत के बाद जांच टीम का गठन किया गया है, जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई किया जायेगा।

भूपेंद्र अग्रवाल, एसडीएम, कसडोल

दुश्मनी के कारण ग्राम पंचायत की शिकायत किया जा रहा है, ग्राम में सभी कार्य नियम से किया गया है, कही भी भ्रष्टाचार नही किया गया है, जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा।

मोहर सिंह यादव, सरपंच, ग्राम बगार

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