बिना लेन देन नही होता भुगतान, उपकोषालय अधिकारी पर लगा आरोप, 5 माह से प्रभारी उपकोषालय अधिकारी नदारद, पीड़ित ने कलेक्टर सहित संचालक और एसडीएम को की शिकायत

(हेमंत बघेल)

कसडोल। विकासखंड मुख्यालय कसडोल के उपकोषालय कार्यालय में मौजूद प्रभारी उपकोषालय अधिकारी विनोद सोनी (ATO VINOD SONI) पर बिना लेन देन के भुगतान नही करने का आरोप लगा है, साथ ही शिकायतकर्ता ने प्रभार मिलने के बाद से ही कार्यालय से नदारद होने की शिकायत जिला कलेक्टर, संचालक कोष लेखा पेंशन रायपुर सहित एसडीएम कसडोल को किया है। इधर शिकायतकर्ता सेवानिवृत्त प्रधान पाठक फिरतु राम साहू ने शिकायत में कहा कि कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कसडोल से सेवानिवृत्त हुआ था, सेवानिवृत्त पश्चात शासन द्वारा देय राशि की भुगतान हेतु विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कसडोल द्वारा मेरा एवं अन्य से.नि. कर्मचारियों का आनलाईन देयक तैयार कर उप-कोषलय में प्रस्तुत किया गया। लेकिन प्रभारी उप कोषालय अधिकारी कसडोल बिना घुस देयक पारित कर भुगतान नहीं किया जा रहा है जिससे राशि प्राप्त हो जाता है या लेन-देन की सहमति मिल जाती है। उसका भुगतान तत्काल जिला कोषालय बलौदाबाजार से कर दिया जाता है। यहां तक आपत्ती देयक के लिए जब तक इससे संपर्क नहीं करते तब तक आपत्ती देयक रिटर्न के लिए भी ध्यान नहीं दिया जाता। जब से प्रभारी उप-कोषालय अधिकारी को कसडोल उप कोषालय का प्रभार दिया गया है तब से उप कोषालय अधिकारी आजतक कार्यालय नहीं पहुचें है साथ ही कभी उप कोषालय कसडोल आते भी नहीं है। उप कोषालय कसडोल से संबंधित कार्य जिला कोषालय (TREASURY) बलौदाबाजार से संचालित करते है, इसलिए सेव निवृत्त कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदाय करवाने की कष्ट करें एवं प्रभारी उप.कोषालय अधिकारी कसडोल विनोद कुमार सोनी को उप-कोषालय अधिकारी के प्रभार से हटाने के साथ उचित एवं अग्रिम कार्यवाही करने की मांग किया है।

प्रभार मिलने के बाद नही पहुँचे कार्यालय

शिकायतकर्ता श्री साहू के अलावा सूत्रों ने दावा किया है कि साहब को बीते माह मार्च 2024 को कसडोल उपकोषालय का प्रभार दिया गया है, तबसे साहब ने एकात बार ही गुजरते समय 10 से 15 मिनट के लिए ही कार्यालय पहुँचे है, जबकि नियमानुसार आज प्रभार मिले 5 माह से ऊपर हो गया है लेकिन साहब ने शासन की नियमों को दरकिनार कर अपनी मन मर्जी यहाँ चला रहे है, जबकि नियमानुसार उपकोषालय अधिकारी को सप्ताह में कम से कम 2 दिन यहाँ बैठना चाहिए लेकिन साहब मेरी मर्जी की तर्ज पर वरिष्ठ अधिकारियों के नियमों को घता बताते हुये कार्य करते दिखाई दे रहें है। खबर शतक.इन की टीम ने जब मंगलवार को साहब की उपस्थिति की जानकारी लिया तो कई डीडीओ के अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त में बताया कि उपकोषालय अधिकारी को आज तक देखे तक नही है, साथ ही गौर करने वाली बात यह भी है।

कि उक्त कोषालय विभाग में कई वर्षों बाद पोताई का कार्य हुआ लेकिन कार्यालय का नाम भी आज तक अंकित नही हो सका,  जिसके कारण कार्यालय को लोग तहसील परिसर में खोजते फिरते रहते है, जबकि कार्यालय पर कोषालय विभाग का नाम अंकित होना चाहिए लेकिन यहाँ विभाग के गैर जिम्मेदार अधिकारी को इसकी जरा भी परवाह नही है, फिलहाल अब साहब की दबंगई पर जिला कलेक्टर सहित संचालक किस तरह कार्रवाई करते है यह तो वक्त के गर्भ में है।

इनका कहना है…

बिल भुगतान को मैं कहा रोका हूं, मैं पहले देखूंगा बिल को और मैं पूछ लेता हूं अपने अकाउंटेंट साहब को फिर बताता हूं, मैं वहां जाता नही हूं तो रुपयों का मांग कहा करूंगा, गलत है, मैं वीकेंड में जाता हूं। मेरे पास बलौदाबाजार का भी चार्ज है दिक्कत है न, मिल कर बात करता हूं आपसे, चलिए मैं अकाउंटेंट से बात करता हूं।

विनोद सोनी, प्रभारी उपकोषालय अधिकारी, कसडोल

उपकोषालय अधिकारी के पास बलौदाबाजर का भी प्रभार है, मैं शिकायत को देखा नही हूँ बताता हूँ।

भूपेंद्र अग्रवाल, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, कसडोल

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