उत्कृष्ट सेवा के बाद प्रधान पाठक सुतीक्षण साहू हुए सेवानिवृत्त, ग्रामीणों ने दी भावभीनी विदाई

(रौनक साहू)

कसडोल। विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला परसदा में कार्यरत प्रधान पाठक सुतीक्षण साहू 43 वर्षों की समर्पित सेवा के पश्चात सेवानिवृत्त हो गए। इस अवसर पर ग्रामवासियों ने एक अनोखी और आत्मीय परंपरा निभाते हुए घर-घर आरती उतारकर उन्हें भावभीनी विदाई दी। विदाई समारोह के मुख्यअतिथि एस पी साहू अध्यक्षता सत्यभावना यादव सरपंच परसदा एवं विशिष्ट अतिथि मनमोहन साय नोडल प्राचार्य बोरसी थे। विशिष्ट अतिथि श्री साय ने अपने उदबोधन में कहा कि श्री साहू ने शिक्षा के क्षेत्र में न केवल विद्यालय बल्कि पूरे क्षेत्र में एक आदर्श स्थापित किया। उनका जीवन विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को समर्पित रहा। गाँव के अनेक बच्चे आज ऊँचे पदों पर कार्यरत हैं और इसका श्रेय श्री साहू की प्रेरणादायी शिक्षण शैली को जाता है।

सेवा-निवृत्ति के दिन गाँव में एक विशेष समारोह आयोजित किया गया, जिसमें ग्रामीणों ने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया। गाँव की स्त्रियों ने परंपरागत ढोल-मंजीरे के साथ घर-घर जाकर आरती उतारी, मानो कोई परिवार का सदस्य घर से विदा हो रहा हो। यह दृश्य अत्यंत भावुक करने वाला था।

विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।नंदनिया के बालिकाओ द्वारा प्रस्तुत दिल को छूने वाला विदाई नृत्य से मुख्य अतिथि के साथ साथ समारोह में उपस्थित सभी लोग भाव विभोर हो गए।पूर्व छात्र भी दूर-दूर से पहुँचकर इस क्षण का साक्षी बने। कई वक्ताओं ने साहू जी के सरल स्वभाव, अनुशासनप्रियता और शिक्षा के प्रति समर्पण की सराहना की।अपने विदाई भाषण में सेवानिवृत्त सुतीक्षण साहू ने कहा, मैंने हमेशा विद्यालय को अपना परिवार समझा।

 

आज जब मैं जा रहा हूँ, तो यह सिर्फ एक औपचारिक विदाई नहीं, बल्कि दिलों का रिश्ता और मजबूत हो रहा है। जो स्नेह आज मुझे मिला, वह मेरे जीवन की सबसे बड़ी पूँजी है। कार्यक्रम के अंत में सभी ने उनके दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना की। यह विदाई समारोह न सिर्फ एक शिक्षक को, बल्कि एक युग को सम्मान देने जैसा रहा।कार्यक्रम का संचालन रामकृपाल साहू शिक्षक भिंभौरी द्वारा एवम आभार प्रदर्शन राजेंद्र पटेल द्वारा किया गया। कार्यक्रम समापन पश्चात संकुल के शिक्षकों ने श्री साहू को ससम्मान उनके निवास तक पहुचाये।