शहर में बनेगा मध्य भारत का सबसे बड़ा एजुकेशन हब, साथ में होगा नालंदा परिसर, प्रथम चरण में 27 करोड़ का वर्क आर्डर जारी
बिलासपुर। शहर को शिक्षा का नया हब बनाने के लिए दयालबंद में नालंदा परिसर और एजुकेशन सिटी का खाका तैयार कर लिया गया है। यह मध्य भारत की सबसे बड़ी एजुकेशन सिटी होगी। लगभग 13 एकड़ क्षेत्र में करीब 90 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जा रही इस परियोजना के पहले चरण के लिए 27 करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर जारी हो चुका है। नगर निगम और स्मार्ट सिटी मिशन की संयुक्त पहल मानी जा रही योजना को सरकार की प्राथमिक परियोजनाओं में शामिल किया गया है।
एजुकेशन सिटी के केंद्र में नालंदा परिसर होगा, जहां तीन बहुमंजिला भवनों में कुल 48 सुव्यवस्थित कोचिंग हॉल तैयार किए जाएंगे। हर सेटअप में एक बड़ा हॉल, कैंटीन,दो कक्ष और शौचालय रहेंगे, ताकि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को एक ही परिसर में व्यवस्थित क्लासरूम सुविधाएं मिल सकें। व्यवस्थाएं ऐसी होंगी कि एक समय में करीब 4,800 विद्यार्थी कोचिंग क्लास अटेंड कर सकेंगे।
परिसर में 500 विद्यार्थियों की क्षमता वाली फिजिकल व डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी, जिसमें रेफरेंस बुक्स के साथ ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल और ई-रिसोर्स उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा आधुनिक प्रयोगशालाएं, सेमिनार हॉल, कॉन्फ्रेंस रूम और स्मार्ट क्लास के जरिए छात्रों को तकनीक आधारित शिक्षण वातावरण देने की योजना है। करीब 700 सीटों वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम भी प्रस्तावित है, जहां करियर गाइडेंस, वर्कशॉप और बड़े शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित किए जा सकेंगे।
बाहर से आने वाले विद्यार्थियों के लिए लगभग 1,000 की क्षमता वाला हॉस्टल ब्लॉक बनाया जाएगा, जिसमें मेस, कॉमन रूम और बेसिक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी। खेल और फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए एजुकेशन सिटी में एस्ट्रोटर्फ खेल मैदान, बहुउद्देश्यीय कोर्ट, ट्रैक सहित विस्तृत स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स विकसित किया जाएगा। परिसर के अंदर ग्रीन जोन, लैंडस्केप्ड गार्डन और बैठने की अलग जगहें भी रहेंगी, ताकि छात्रों को पढ़ाई के साथ बेहतर वातावरण मिल सके।
पार्किंग के लिए प्रोजेक्ट में मल्टी लेवल पार्किंग, आंतरिक सड़कों और नियंत्रित एंट्री-एग्जिट का प्रावधान रखा गया है। पूरी योजना को इस तरह डिजाइन किया गया है कि अब बिखरे हुए कोचिंग संस्थान भविष्य में एक नियोजित कैंपस में स्थानांतरित हो सकें, जिससे शहर में ट्रैफिक व पार्किंग की मौजूदा समस्या भी कम हो। अधिकारियों के अनुसार परियोजना पूर्ण होने पर बिलासपुर और आसपास के क्षेत्रों के लगभग 50 हजार से अधिक छात्रों को गुणवत्तापूर्ण कोचिंग, लाइब्रेरी, हॉस्टल और खेल सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी।
पहले मिशन हॉस्पिटल में बनाने की थी योजना:
पहले नालंदा परिसर मिशन हॉस्पिटल परिसर में बनाने की योजना थी पर उसका मामला फिलहाल अदालत में लंबित है। इसके अलावा निगम प्रशासन का मानना है कि शहर के सारे प्रतियोगी कोचिंग संस्थान दयालबंद में ही स्थित है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकारी क्षेत्र में इस एजुकेशन हब की योजना बनाई गई है ताकि सामान्य छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक संस्थान बना शिक्षा उपलब्ध करवाई जा सके। एजुकेशन हब के निर्माण के लिए डीएमएफ के अलावा स्मार्ट सिटी के फंड का उपयोग किया जाएगा। इसमें छात्रों के रहने के लिए सर्व सुविधायुक्त कमरे, कैंटीन, लाइब्रेरी,कोचिंग आदि की सुविधा रहेगी। इसके लिए तीन ब्लॉक बनाए जा रहे हैं। परियोजना के पहले चरण के लिए 27 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिल गई है जबकि दूसरे चरण के निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
आयुक्त ने कहा प्रतियोगी छात्रों को मिलेगा इसका लाभ:
नगर निगम आयुक्त अमित कुमार ने इस प्रोजेक्ट के संबंध में बताया कि “इस एजुकेशन सिटी में 500 की क्षमता वाला नालंदा परिसर बनाया जाएगा,जिसमें 500 छात्र–छात्राएं एक साथ बैठकर फिजिकल और डिजिटल लाइब्रेरी का लाभ ले सकेंगे। इस शैक्षणिक परिसर में विद्यार्थियों को मोटिवेशन और शैक्षणिक उद्देश्य से एक 700 सीटर कैपेसिटी का आधुनिक ऑडिटोरियम का निर्माण किया जाएगा। एक हजार क्षमता वाले हॉस्टल, एस्ट्रोटर्फ खेल मैदान निर्माण, गार्डन,मल्टीलेवल पार्किंग सहित तीन बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 48 हाल सेटअप में 4800 विद्यार्थियों के कोचिंग क्लास अटेंड करने की सुविधा रहेगी।”



