सहकारी समिति पिसीद के कर्मचारी कार्यालयीन समय पर अवकाश मनाते रहें, सुबह से लगा रहा ताला, किसान भटकते रहें, अध्यक्ष का भी कर्मचारियों ने नही उठाया कॉल

(हेमंत बघेल)

कसडोल। विकासखंड कसडोल के ग्राम पिसीद में संचालित ग्रामीण सेवा सहकारी समिति मर्यादित पिसीद पंजीयन क्रमांक-1314 में गुरुवार को सुबह से समिति का ताला लटका रहा, जिससे किसान परेशान होते रहे। क्षेत्र में मानसून सक्रिय होने के बाद किसान खेतों में फसल लगाने की तैयारी में आधे से ज्यादा किसान खेतों में धान बुवाई कर चुके है जिसके लिए खाद्य और बीज वितरण समितियों पर हो रहा है। जिसके लिए किसान समिति में जाकर खाद्य ले रहे है और गुरुवार सुबह से किसान खाद्य लेने पीसीद सोसायटी पहुंचे थे मगर सुबह से शाम तक न तो समिति प्रबंधक विनोद कैवर्त्य नजर आए और न ही कोई कर्मचारी जिसके चलते सुबह से पिसीद सहकारी समिति में ताला लगा रहा और किसान परेशान होते रहे। किसानों ने जब इसकी सूचना समिति के प्राधिकृत अधिकारी कृष्ण कुमार पटेल को सूचना दिया। जिसके बाद अध्यक्ष श्री पटेल स्वयं जांच करने समिति पहुंचे जहां सोसायटी में ताला लगा रहा। और कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं थे। आपको बताते चले कि समिति के प्रबंधक और कर्मचारी अक्सर अनुपस्थित रहते हैं, जिससे किसानों को खाद्य, बीज और अन्य आवश्यक सेवाएं लेने में कठिनाई हो रही है। इसके कारण किसानों को अपनी फसलों के लिए आवश्यक सामग्री समय पर नहीं मिल पा रही है और उन्हें परेशानी हो रही है। इस मामले को लेकर जब KHABAR SHATAK.IN ने सहकारिता सीईओ कसडोल पुनेश्वर प्रसाद ध्रुव को जानकारी दिया तो श्री ध्रुव ने जांच अधिकारी रोहित जायसवाल सहकारी बैंक कसडोल को भेजकर जांचकर उचित कार्यवाही करने की बात कही। लेकिन देर शाम तक न कोई जांच हुई न कार्रवाई। बल्कि खबरों को रोकने की सिपरिश कराया गया। लेकिन खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित करने की बात कही गई। फिलहाल इस मामले में सहकारी बैंक के प्रबंधक ने एक दिवस का वेतन काटने की बात कही है। साथ ही समिति के प्राधिकृत अधिकारी कृष्ण कुमार पटेल ने ऐसे गैर जिम्मेदार समिति प्रबंधक को तत्काल हटाने की बात कही है। अब देखना होगा कि आगामी किसानों के धान के ब्याज से चलने वाली समिति के गैर जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ सहकारिता विभाग क्या कार्रवाई करता है।

“11 कर्मचारी अवकाश मनाते रहें”

जब KHABAR SHATAK की टीम ने सहकारी समिति पिसिद पहुँचकर जानकारी लिया तो समिति की कर्मचारियों की बहुत बड़ी लापरवाही सामने आया। सूत्रों की माने तो यहाँ 11 कर्मचारियों की लंबी चौड़ी फौज मौजूद है, जबकि इतने कर्मचारी आसपास के समितियों में नही है लेकिन यहाँ मानसून का फायदा उठाकर सभी कर्मचारी हॉलीडे मानते रहें। जबकि आगामी खरीफ फसल की बोआई किसान वर्ग लगे हुये है लेकिन यहाँ जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारियों को दूर कर हॉलीडे मनाते रहें। साथ ही मीडिया के जानकारी के बावजूद यहाँ किसी भी जिम्मेदार ने जांचकर कार्रवाई की जहमत नही उठाई। बल्कि कार्रवाई का आश्वासन जरूर दिया। बहरहाल अब आगे देखना होगा कि विभाग किस तरह की कार्रवाई करता है।

“भटकते रहें किसान”

गुरुवार को पिसिद समिति के कई किसान सुबह से शाम तक खाद, बीज सहित किसान पर्ची की जानकारी लेने समिति के चक्कर काट रहे थे लेकिन यहाँ जिम्मेदारों ने केवल अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री करते नजर आए। जिसके कारण किसान भटकते रहें। इधर किसानों ने कहाँ की इतने बड़े समिति में किसी भी कर्मचारी के नही होने से विश्वास कम होता है, जिस समिति का पूरा बजट किसानों के ब्याज पर निर्भर हो उस समिति के कर्ता धर्ता इस तरह गैर जिम्मेदार होना नियमविरुद्ध है, इधर सूत्रों की मानें तो हाल ही में हुए धान खरीदी में भी समिति में तकरीबन 612 क्वांटल की शार्टेज आया था सूत्रों ने यहाँ तक दावा किया कि जिम्मेदारों ने पुराने अधिकारी के पनाह में लाखों की होली खेला फिर समिति के बजट से ही उक्त शार्टेज को पाट दिया गया। बहरहाल यह तो सब जांच का विषय है।

इनका कहना हैं…

मुझे किसानों ने जब जानकारी दिया कि समिति में ताला लगा है, और जब मैं जाकर देखा तो 11 कर्मचारी में से कोई भी कार्यालय में नही था ताला भी लगा था मैं ऐसे गैर जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हेतु अधिकारियों को पत्र व्यवहार करूंगा।

कृष्ण कुमार पटेल

अध्यक्ष, सहकारी समिति पिसिद

मुझे डीएपी की जरूरत है, मैं पिछले बार आया था तो नही आने की जानकारी दिया गया था और आज आया हूँ तो सुबह से सहकारी समिति में ताला लगा हुआ है, कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए।

गोपीचंद साहू, किसान

पिछले साल मैंने पहली बार धान बेचा था इसलिए आज मैं जानकारी लेने आया था मैं सब काम छोड़कर आया था लेकिन यहाँ तो कोई नही है, इसलिए जानकारी ही नही मिला कर्मचारियों को निर्धारित समयावधि पर मौजूद रहना चाहिए।

गुलाबचंद साहू, किसान

 

मैं छरछेद साइड हूँ कर्मचारी ERP कराने छरछेद गए हुए है।

विनोद कैवर्त्य, प्रबंधक, सहकारी समिति पिसिद

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