वन विभाग ने कुंए में गिरे हाथियों का किया रेस्क्यू… वन विभाग की टीम द्वारा हाथियों को सुरक्षित जंगल में छोड़े गए

(रौनक साहू)

बलौदाबाजार। बलौदाबाजार वनमण्डल (BALODABAZAR FOREST DIVISION) के अंतर्गत हरदी ग्राम में तीन हाथी-एक मादा हाथी, (THREE ELEPHANTS ONE FEMALE ELEPHANT)  उसका बच्चा एवं एक नर जुवेनाइल हाथी- ग्रामीण टिकनेश्वर ध्रुव के खेत में फिसलकर गिर गए थे। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम ने तत्काल मौक़े पर पहुँचकर त्वरित और समन्वित कार्रवाई की गई।



वन विभाग (FOREST DEPARTMENT) द्वारा सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए रैंप तैयार किया गया, जिसके माध्यम से तीनों हाथियों को सावधानीपूर्वक निकाला गया। रेस्क्यू ऑपरेशन के उपरांत सभी हाथियों को सुरक्षित रूप से निकटस्थ वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया, जहाँ वे अपने समूह से पुनः जा मिले। विभागीय अधिकारियों ने पुष्टि की है कि सभी हाथी पूरी तरह स्वस्थ हैं और किसी भी प्रकार की चोट नहीं आई है।

इस मौके पर मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुश्री स्तोविषा समझदार भी घटनास्थल पर पहुँचीं और रेस्क्यू की पूरी प्रक्रिया का निरीक्षण किया। उन्होंने विभागीय टीम की त्वरित कार्रवाई और उत्कृष्ट समन्वय की सराहना की।

रेस्क्यू ऑपरेशन वनमण्डलाधिकारी बलौदाबाजार श्री धम्मशील गणवीर की उपस्थिति एवं मार्गदर्शन में तथा अधीक्षक बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण्य श्री कृषानू चन्द्राकर के नेतृत्व में संचालित किया गया। विभागीय टीम ने रातभर सतर्कता और समर्पण के साथ कार्य करते हुए इस जटिल रेस्क्यू को सफलता पूर्वक अंजाम दिया।

वनमण्डलाधिकारी श्री धम्मशील गणवीर ने कहा – “वन विभाग का दायित्व केवल वन्यजीवों की रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रत्येक जीवन को सुरक्षित बचाना हमारी प्राथमिकता है। हरदी ग्राम का यह रेस्क्यू ऑपरेशन विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया, सामूहिक समर्पण और फील्ड टीम की दक्षता का उत्कृष्ट उदाहरण है।”

वन विभाग, बलौदाबाजार द्वारा इस प्रकार की आपात स्थितियों से निपटने हेतु त्वरित रेस्क्यू रेस्पॉन्स प्रणाली, ग्राउंड टीमों का प्रशिक्षण, और स्थानीय समुदायों के साथ समन्वय को निरंतर सुदृढ़ किया जा रहा है।

इस अभियान को सफल बनाने में वन परिक्षेत्र अधिकारी गोपाल वर्मा, वन परिक्षेत्र अधिकारी बल्दाकछार गीतेश कुमार बंजारे, वन परिक्षेत्र अधिकारी कोठारी जीवनलाल साहू, प्रशिक्षु वन परिक्षेत्र अधिकारी राहुल उपाध्याय, अतुल तिवारी, सुश्री दीक्षा पाण्डेय सहित परिक्षेत्र कोठारी और बार के समस्त वनकर्मियों, फील्ड स्टाफ एवं स्थानीय ग्रामीणों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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