पंचायतों में हो रही सोलर स्ट्रीट लाइट वा कचरा गाड़ी की सप्लाई में एसबीएम समन्यवक की भूमिका संदिग्ध

(संजीत सोनवानी)
पुष्पराजगढ़। टाइटर मध्यप्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी जनपद पंचायत जँहा लगभग 119 ग्राम पंचायत है अभी हाल ही में एक बहुचर्चित सोलर स्ट्रीट लाइट सहित 14 वे वित्त से क्रय की गई कचरा गाड़ियों वा हस्त चलित रिक्शा खरीदी का मामला प्रकाश में आया है विश्वस सूत्रों से जानकारी प्राप्त हुई है की उक्त पूरी खरीदी वा सप्लाई में सबसे पहला नाम वा अहम भूमिका जनपद में पदस्थ स्वक्छ भारत मिशन के ब्लॉक समन्यवक का आ रहा है जिन्होंने इलेक्ट्रिक सब डिवीजन शहडोल से लेकर रीवा डिवीजन तक अपना तिकड़म भिड़ाकर हाथों हाथ तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति लाने में खून पसीना एक कर दिया जाकर उक्त कार्य कराने के लिये प्रेरित किया गया वा रीवा सहित कोतमा वा पाली के अपने कुछ चहेते तथाकथित ब्यापारियों से साठगांठ कर नियम विरुद्ध तरीके से बगैर निविदा प्रकाशन कराये क्रय नियम का पालन ना करते हुऐ बड़े पैमाने में उक्त सामग्री को बाजारू कीमत से अधिक दामो में सप्लाई कराकर पंचायतों के ऊपर दबाद बनाकर भुगतान कराया गया है बहरहाल यह जांच का विषय है।
आनन फानन में सीईओ ने 04 पंचायतों को जारी किया नोटिस
उक्त पूरे खरीदी में हुये जमकर भ्रष्टाचार का मामला जैसे ही प्रकाश में आया जनपद सीईओ ने तत्यकाल ही 119 ग्राम पंचायतों में से महज 04 ग्राम पंचायतों को नोटिस जारी कर औपचारिकता पूर्ण कर अपना पल्ला झाड़ लिये जरा सोचिए की एमबी जनपद पंचायत से सीईओ के दस्तखत से सोलर स्ट्रीट लाइट वर्क के नाम से जारी हुआ और साहब अनजान बने हुये है इतनी बड़ी सप्लाई और हर दिन ई ग्राम स्वराज योजना 15 वे वित्त एवं पंचायत दर्पण पर पांचवे वित्त से भुगतान हो रहा है और मुख्यकार्यपालन अधिकारी को इसकी जानकारी भला कैसे ना हो सरपंच सचिव ग्रुपो के माध्यम से भुगतान को लेकर मार्गदर्शन भी मांग रहे है और साहब का कहना है की मेरे संज्ञान में नहीं था समाचार प्रकाशन के बाद मुझे जानकारी लगी है।बहरहाल देखना यह होगा की क्या संज्ञान में आने के बाद उक्त पूरे नियम विरुद्ध खरीदी पर ऐसे प्रत्येक पंचायतों की प्रथक प्रथक जांच कराकर संबंधित के विरुद्ध कार्यवाही प्रस्तवित कर राशि वसूल करवाते है या कागजी खाना पूर्ति कर उक्त पूरे मामले को आल इज वेल कहकर इति श्री कर देते है।
भारत सरकार वाणिज्य मंत्रालय के अधीन जेम पोर्टल से क्यो नही की गई खरीदी
गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस (GeM) भारत मरकार के वाणिज्य मंत्रालय के अधीन सृजित एक आनलाइन प्रोक्योरमेन्ट पोर्टल है, जिस पर शासकीय विभागों की आपूर्ति हेतु क्रय पारदर्शी तरीके से आनलाइन किया जाता है जेम पोर्टल पर आमंत्रित निविदा से जुड़े नियमों और शर्तों में कोई विरोधाभास या आपत्ति होने पर, निविदा प्रकाशन की तारीख़ और समय से चार दिनों के अंदर जेम पोर्टल पर आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है. एल-1 सफल निविदादाता को आपूर्ति आदेश के बाद 90 दिनों के अंदर आपूर्ति करनी होती है. अगर ऐसा नहीं होता, तो विलंब के लिए हर दिन 0.2 प्रतिशत या अधिकतम 20 प्रतिशत की कटौती की जाएगी।
निविदादाता को आपूर्ति किए गए उपकरणों की स्थापना और प्रशिक्षण देना होता है. जेम पोर्टल पर 5 लाख रुपये से ज़्यादा की बिड पर, 1-1 निविदा लागत राशि का 2% से 10% तक की बैंक गारंटी या FDR देनी होती है. कस्टम या BOQ बिड आमंत्रित करने से पहले, संबंधित उत्पाद या सेवा की कैटेगरी की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होती है। जेम पोर्टल पर कस्टम या BOQ बिड को निरस्त करने पर, क्रेता स्वयं ज़िम्मेदार होता है।
कमेटी बनाकर क्रय सामग्री की गुणवत्ता की हो निष्पक्ष जांच
हाल ही में हुये पुष्पराजगढ़ जनपद अंतर्गत ग्रामपंचायत वार सोलर स्ट्रीट लाइट और स्वक्छ भारत मिशन अंतर्गत 14 वे वित्त से क्रय की गई कचरा गाड़ियों वा हस्त चलित रिक्शा के बिल बाउचर एवं क्रय की गई सामग्री की गुणवत्ता वा वास्तविक बाजारू कीमत वा उक्त सामग्री की उपयोगिता की यदि कमेटी बनाकर निष्पक्ष जांच कराई जाय संबंधित से गबन की राशि बसूल करा लिया जाय तो निश्चित ही शेष पंचायते आगे से ऐसी जो भी खरीदी करेंगे पूरी पारदर्शिता के साथ वास्तविक दामो पर ही कोटेशन बुलवाकर ही करेंगे।