नगरक्षेत्र कि स्थितियों में नही हुआ कोई सुधार, अभी भी आतंक का पर्याय बने हुए हैं आवारा कुत्ते

एक ही दिन में एक दर्जन से अधिक लोगों पर किए हमला-

बिजुरी।
क्षेत्रांतर्गत आवारा कुत्तों का दहशत लम्बे समय से बरकरार है, प्रत्येक गली-मोहल्लों में इनकी झुण्ड दर्जनों कि संख्या में इधर-उधर विचरण करते हुए आसानी से देखा जा सकता है। वहीं मार्गों में अधिकांशतः आवागमन करने वाले राहगीरों सहित स्थानीय लोग लगातार इन आवारा कुत्तों के हमलों का शिकार भी बन रहे हैं। जिससे स्थानीय रहवासी सहित मार्गों पर आवागमन करने वाले राहगीर भय के साये में घरों से निकलने व मार्गों पर चलने को विवश हैं। कब कहां किस मार्ग पर आवारा कुत्तों द्वारा इन पर हमला कर दिया जाए। इसकी कोई गारण्टी नही।

रविवार को दर्जन भर से अधिक लोगों पर आवारा कुत्तों ने किया हमला-

नगर के वार्ड क्रमांक 01 स्थित स्टाप कालोनी सहित भिन्न-भिन्न वार्डों में रविवार 17 सितम्बर कि शाम घर के बाहर खेल रहे लगभग एक दर्जन से अधिक बच्चों पर आवारा कुत्तों के झुण्ड ने हमला कर दिया। जिसके बाद आनन-फानन में मोहल्ले वासियों ने किसी तरह प्रयास कर आवारा कुत्तों को भगाने में कामयाबी पायी, एवं कुत्तों के हमले से घायल हुए बच्चों को उपचार के लिए शासकीय अस्पताल बिजुरी ले जाया गया।

पूर्व में भी दर्जनों लोग हो चुके हैं आवारा कुत्तों का शिकार-

गौरतलब है कि रविवार कि शाम भिन्न-भिन्न वार्डों एवं मार्गों पर घर के बाहर खेल रहे बच्चों सहित आवागमन करने वाले राहगीरों पर आवारा कुत्तों द्वारा किया गया हमला कोई नया मामला नही है। पूर्व में भी दर्जनों लोग आवारा कुत्तों के हमलों का शिकार बन चुके हैं। वहीं नगरक्षेत्र में कयी घर ऐसे भी हैं जहां के घरों में घुसकर आवारा कुत्तों द्वारा घरों में बंधे पालतू मवेशियों को भी शिकार बनाया जा चुका है। बावजूद इसके प्रशासन के किसी भी जिम्मेदार विभाग द्वारा आवारा कुत्तों के बढ़ते हमले व मामलों कि रोकथाम कि दिशा में ठोस व सार्थक कदम नही उठाया जा रहा है। जिससे स्थानीय लोगों में प्रशासनिक जिम्मेदारों के प्रति असंतोष कि भावना लगातार पनपता जा रहा है।

विभागीय जिम्मेदारों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने कि है आवश्यक्ता-

नगरक्षेत्र में लगातार बढ़ रहे आवारा कुत्तों के हमलों पर पशु विभाग सहित स्थानीय निकाय प्रशासन को गम्भीरता से मामले पर संज्ञान लेकर आवश्यक कदम उठाने कि आवश्यक्ता है। जिससे क्षेत्र में इजाफा हो रहे आवारा कुत्तों कि संख्या में कमी लाया जा सके। वहीं दहशत के साये में जी रहे क्षेत्रवासियों में पनप रहे भय का निर्मित महौल भी समाप्त हो सके।

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