BALODA BAZAR NEWS:परीक्षा के समय उमंग और उत्साह भरा माहौल बनी रहे – प्रधानमंत्री श्री मोदी


हेमंत बघेल/संवाददाता
BALODA BAZAR NEWS: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी PRIME MINISTER NARENDRA MODI) ने प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी स्कूली बच्चों, शिक्षकों एवं पालकों के साथ परीक्षा को उत्सव की तरह मनाने एवं विद्यार्थियों में उक्त समंबन्ध में तनाव दूर करने के लिए परीक्ष पे चर्चा के 7 वे संस्करण को संबोधित किया।
परीक्षा पे चर्चा 2024 का कार्यक्रम सोमवार को भारत मण्डपम प्रगति मैदान नई दिल्ली में प्रातः11 बजे शुरू हुआ। प्रधानमंत्री ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों को परीक्षा के दौरान तनाव मुक्त रहने के महत्वपूर्ण टिप्स दिए।
उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों से ऑनलाइन जुड़े विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों के प्रश्नों का जवाब देने के साथ ही उनके शंकाओं का समाधान भी किया। स्वामी आत्मानन्द चक्रपाणी शुक्ल शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय बलौदाबाजार में कलेक्टर चंदन कुमार, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अशोक जैन, समाज सेवी विजय केशरवानी, जिला शिक्षा अधिकारी बीएल देवांगन, प्राचार्य सिंह की उपस्थिति में कार्यक्रम के सीधा प्रसारण का अनुश्रवण किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि परीक्षा के समय विद्यार्थी अनावश्यक तनाव या दबाव अपने मन मे न लाएं बल्कि परीक्षा को एक उत्सवके रूप में लेते हुए उमंग और उत्साह का वातावरण बनाएं। परीक्षा हॉल में 10 -15 मिनट पहले ही प्रवेश कर अपने स्थान पर इत्मीनान से बैठ जाये और गंभीर होने के बजाय हंसी -मजाक या चुटकुले सुनाकर अपने ऊपर तनाव बिल्कुल भी न आने दें।
केवल अपने आप पर ध्यान केंद्रित करें। परीक्षा हॉल में प्रश्न पत्र मिलते ही पहले पूरे प्रश्न को ध्यान से पढ़ें। उसके बाद जिन प्रश्नों के हल अच्छी तरह याद है उसे पहले हल करें। उन्होंने कहा कि अपने आपको किसी भी प्रकार के तनाव को झेलने में सामर्थ्यवान बनाने के लिए तैयार करना होगा।
यदि हम मन से किसी बात को तय करें तो किसी भी दबाव को कम किया जा सकता है। कुछ दबाव ऐसे होते है जिन्हें हम खुद पैदा करते हैं। हममें इतनी दबाव नही होनी चाहिए जिससे कि हमारी सामर्थ्य ही टूट जाये।विद्यर्थियों के तनाव को दूर करने के लिए पूरे शिक्षक एवं माता – पिता को संज्ञान लेना होगा।
परिवार ऐसे दबाव को कैसे कम करते है इसकी भी चर्चा होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि जीवन में स्पर्धा व चुनौती आवश्यक घटक है बिना स्पर्धा के जीवन व्यर्थ है। स्पर्धा का स्वस्थ्य वातावरण बने यह भी जरूरी है। जाने -अनजाने में घर -परिवार में विकृत प्रतिस्पर्धा न आने दें, ईर्ष्या भाव भी कभी न आने दें। दोस्तों से हमेशा सीखने का प्रयास करना चाहिए।प्रधानमंत्री ने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों की तुलना अन्य बच्चों से न करें और न ही विकृत प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाकर बच्चे को दबाव महसूस होने दें।
परीक्षा को सामान्य कालखंड मानते हुए बहुत ही सामान्य व्यवहार रखें। उन्होंने कहा कि शिक्षक बच्चों में तनाव दूर करने में मदद कर सकते है। शिक्षक और विद्यार्थी का नाता केवल कालखंड या परीक्षा तक ही सीमित न रहे बल्कि अपनेपन का नाता हो, एक दूसरे से लगाव हो ।