देर रात खिड़की तोड़कर बैंक में घुसे चोर, तकनीकी सिस्टम के कारण टला चोरी कि वारदात

(संजीत सोनवानी)
बिजुरी। कोयला उत्पादन के लिए मशहूर कोयलांचल नगरी बिजुरी चंद माहों से अवैध कारोबार सहित चोरों का भी गढ़ बनता जा रहा है। जिला के सर्वोच्च अधिकारी जिला कलेक्टर के निर्देश बाद भी थानाक्षेत्र बिजुरी में अवैध रेत उत्खनन व परिवहन सहित अवैध सट्टा और कबाड़ का कारोबार चरम पर था ही। किन्तु बीते कुछ माहों से चोरी कि घटनाओं में भी बेतहाशा वृद्धि दर्ज की गयी है। बावजूद इसके स्थानीय बिजुरी पुलिस इन अपराधों एवं वारदातों को रोक पाने में पूरी तरह से नाकाम और कार्यवाहियों में नाकारा साबित हो रहे हैं। चंद माह पूर्व ही भारतीय स्टेट बैंक समीप संचालित कियोस्क बैंक में चोरों द्वारा चोरी कि घटनाओं को अंजाम देकर जहां पूरे पुलिसिया तंत्र के समक्ष एक बडी़ चुनौति खडी़ कर दिया गया था। वह मामला अभी तक ठीक से शांत भी नही हो पाया था कि। गत रात्रि चोरों द्वारा एक बार पुनः अपने कारनामों को अंजाम देकर बिजुरी पुलिस कि कार्यशैली पर बडा़ प्रश्नचिह्न खडा़ कर दिए हैं।
रात्रि में बैंक के भीतर घुसे चोर, काफी देर बाद चोर पकड़ने पहुंची पुलिस-
प्राप्त जानकारी अनुसार शनिवार रात्रि लगभग 01 बजे सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पीछे कि खिड़की तोड़कर, चोरों द्वारा अंदर घुसकर चोरी कि वारदात को अंजाम देने का प्रयास किया गया। किन्तु बैंक का तकनीकी सिस्टम बेहतर होने के कारण तत्काल वारदात कि सूचना सर्विलांस निगरानी टीम तक जा पहुंचा, जिससे उनके द्वारा नजदीकी बिजुरी थाना तक सूचना भेजा गया। किन्तु दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि सूचना के देर बाद बिजुरी पुलिस चोरों को पकड़ने बैंक पहुंची, तब तक चोर फरार हो चुके थे।
चोरों को पकड़ने में डाॅग स्क्वाड कि टीम भी हुयी असफल-
चोरों द्वारा बैंक में किए गए चोरी के प्रयास मामले में बिजुरी, रामनगर एवं कोतमा तीनों थानों के पुलिसकर्मी द्वारा घटना स्थल पर पहुंचकर मामले का तफ्तीश किया गया। किन्तु असफलता हाथ लगने पश्चात डाॅग स्क्वाड कि टीम से सम्पर्क किया गया। लेकिन डाग स्क्वाड कि टीम को भी किसी तरह कि सफलता नही मिल पाने बाद, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट एवं सायबर सेल कि भी मदद ली गयी है।
सिर्फ सायरन के दम पर ड्यूटी निभाते हैं बिजुरी पुलिस तो घटनाओं का होना स्वाभाविक है-
थानाक्षेत्र में रात्रि के दौरान अवैध रेत उत्खननकर्ता एवं कबाड़ माफियाओं द्वारा अपने-अपने कारनामों को बेखौफ अंजाम दिया जाता है, इनके कारनामों पर किसी तरह कि व्यवधान उत्पन्न ना हो सके। इसलिए बिजुरी पुलिस द्वारा रात्रि गश्त के दौरान बीच-बीच में सायरन बजाकर नैतिक कर्तव्यों से इतिश्री कर लिया जाता है। यकीनन चोरों को बिजुरी पुलिस के इस खानापूर्ति वाली कारनामों कि भनक पूर्व से ही रहा होगा। यही कारण हो सकता है। कि चोरों द्वारा इनकी निरंकुशता का लाभ पूरी तरह से उठाने का प्रयास किया गया। अन्यथा मजाल है शासकीय सम्पत्तियों पर कोई भी चोर किसी तरह कि नजर भी गडा़ सके।