रील बनाने के चक्कर में तीन की मौत, नई बाइक पर सवार दो नाबालिग छात्र और एक महिला की गई जान

 उत्तर प्रदेश। शुक्रवार की सुबह देवरिया में कसया रोड ओवरब्रिज के पास एक बेहद दर्दनाक सड़क हादसे में दो नाबालिग छात्रों समेत तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक छात्र गंभीर रूप से घायल है। यह भीषण हादसा उस वक्त हुआ, जब तीन नाबालिग छात्र अपनी नई बाइक पर तेज रफ्तार से चलते हुए रील्स बना रहे थे। उनके इस जुनून ने न सिर्फ उनकी जिंदगी को खतरे में डाला, बल्कि सड़क पार कर रही एक महिला को भी मौत के मुँह में धकेल दिया।

यह दुखद घटना शुक्रवार सुबह लगभग 8 बजे हुई। फतुहा क्षेत्र की रहने वाली मुन्नी देवी (40) पानी भरकर सड़क पार कर रही थीं। उसी समय, तीन दोस्त तेज रफ्तार में बाइक पर सवार होकर ओवरब्रिज की तरफ से आए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बाइक की रफ्तार इतनी तेज थी कि वे अनियंत्रित हो गए और मुन्नी देवी को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि महिला हवा में उछलकर दूर जा गिरीं।


टक्कर के बाद बाइक पूरी तरह से अनियंत्रित हो गई और सड़क के किनारे खड़े एक ट्रक से जा टकराई। भिड़ंत की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोग तुरंत मौके पर जमा हो गए।

मौत की नई बाइक और अधूरे सपने
इस हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में किशन चौहान (17), अनूप कुमार (16) और मुन्नी देवी (40) शामिल हैं। वहीं, तीसरे छात्र राज (16) की हालत बेहद गंभीर है और उसे तत्काल महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहाँ उसका इलाज चल रहा है।

हादसे ने इन परिवारों की खुशियाँ हमेशा के लिए छीन लीं। किशन चौहान पिड़रा वार्ड-9 का रहने वाला था और बीआरडी इंटर कॉलेज में 11वीं का छात्र था। वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उसके पिता ने हाईस्कूल की परीक्षा पास करने पर सिर्फ सात दिन पहले ही उसे एक नई अपाचे बाइक गिफ्ट की थी।

अनूप कुमार, रघवापुर वार्ड-1 का निवासी था और महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज में 10वीं का छात्र था। उसके दो छोटे भाई हैं। दोनों छात्रों के घरों में मातम छाया हुआ है। किशन के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता बार-बार यही कह रहे थे, “अगर मैंने बाइक न दिलाई होती, तो मेरा बेटा आज जिंदा होता।” यह घटना माता-पिता के लिए न सिर्फ बेटे को खोने का दुख है, बल्कि एक पछतावा भी है। वहीं, हादसे में जान गंवाने वाली मुन्नी देवी अपने पीछे दो छोटे बच्चों, छह साल की बेटी छोटी और दो साल के बेटे टेलू को छोड़ गई हैं।

पुलिस की कार्रवाई और लापरवाही का सबक

घटना की सूचना मिलते ही सदर कोतवाली पुलिस और सीओ संजय कुमार रेड्डी तुरंत मौके पर पहुँचे। पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुँचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पुलिस ने मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

इस दुर्घटना ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर रील्स बनाने के बढ़ते खतरे और युवाओं में तेज रफ्तार बाइक चलाने के जुनून को उजागर किया है। यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि उन सभी माता-पिता और युवाओं के लिए एक कड़ा सबक है जो रील बनाने के चक्कर में जिंदगी की परवाह नहीं करते। यह घटना दिखाती है कि एक पल की लापरवाही और रोमांच के जुनून की कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। इस तरह के हादसों को रोकने के लिए सिर्फ कानून ही नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और जिम्मेदारी की भी सख्त जरूरत है।


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