बिजुरी थानाक्षेत्र में बरसात के फव्वारों के साथ निकलते अवैध रेत की गाड़ियां

(संजीत सोनवानी)

पुराने तर्ज पर ही चल रहा कारोबार वर्षों से पदस्थ आरक्षक, व युवा सोंच बना जिम्मेदार-

अनूपपुर। जिला अन्तर्गत बिजुरी थानाक्षेत्र एक बार पुनः अवैध कारोबार को लेकर सुर्खियां बटोर रहा है, कारण क्षेत्र के अवैध कारोबारियों का कारोबार एक बार पुनः तेज रफ्तार कि गति से चल पड़ा है। शाम ढलते ही पुराने तर्ज में रेत माफियाओं द्वारा कलेक्शन कर, जिम्मेदारों से परमीशन लेने बाद, क्षेत्र के भिन्न-भिन्न नदी-नालों को स्वलाभ का जरिया बनाते हुए, इनके द्वारा नदी-घाटों से रेत की चोरी कर, प्रतिदिन प्रदेश सरकार को एक बडे़ राजस्व कि आर्थिक क्षति पहुंचायी जा रही है।

कुछ समय के विराम बाद पुनः सक्रिय हुए माफिया-

अंधेरे में चमकती सुनहरी रेतों पर एकाधिकार जमाते हुए, कोयलांचल के अवैध रेत कारोबारी लम्बे समय से अपने क्रियाकलापों को अंजाम देने में मशगूल रहे। किन्तु स्थानीय अखबारों के कलमकारों द्वारा क्षेत्र में संचालित अवैध रेत कारोबार कि कहानियां कलम के माध्यम से जब अखबारों में उकेरकर, शासन तक बात पहुंचाने का प्रयास किया गया। तब यह रेत माफिया चंद दिनों के लिए कारोबार को समेटकर दुब्बकी मार गए थे। किन्तु मामला शान्त होते ही सभी रेत माफिया पुनः एक बार सक्रियता बढा़ते हुए अपने कारनामों को अंजाम दे रहे हैं।

जिला कलेक्टर का आदेश क्षेत्र में हुआ बेअसर, प्रतिदिवस के कार्य का हुआ सौदा तय-

सूत्रों कि मानें तो वर्तमान समय में एक बार पुनः सौदेबाजी का खेल प्रारम्भ हो चुका है, और जिम्मेदारों द्वारा इसी सौदेबाजी के बलबूते पर जिला के सर्वोच्च अधिकारी जिला कलेक्टर के निर्देशों को रद्दी कि टोकरी में डालकर, रेत माफियाओं को हरी झण्डी दिखायी गयी है, जिससे रेत माफिया भी प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त कर, बेखौफ अपने कारनामों को अंजाम दे रहे हैं।

भैया भए कोतवाल तो अब डर काहे का-

नगर में नए कोतवाल के आने पश्चात कोयलांचल के लोगों में आस जगी थी, कि युवा थाना प्रभारी अपराध एवं अवैध कारोबार पर अंकुश लगाकर, कोयलांचल कि बिगड़ी कानून व्यवस्थाओं में सुधार लाएंगे। किन्तु थानाक्षेत्र के लोगों को मालुमात कहां था कि युवा नगर निरीक्षक का कार्यकाल अपराधियों एवं अवैध कारोबारियों के लिए स्वर्णिम काल बनकर रह जाएगा। प्रदेश एवं केन्द्र कि सरकार द्वारा भले ही सबका साथ सबका विकाश और सबका विश्वास के सिध्दांत को अपनाकर देश व प्रदेश को विकास कि रफ्तार में जोड़ने का प्रयास किया जाता रहा हैं। लेकिन उन्हे भी कहां मालुमात होगा कि थाना क्षेत्र बिजुरी में युवा सोंच के कारण अपराधियों एवं अवैध कारोबार माफियाओं का साथ और विकाश ही प्रशासनिक अमला के लिए मुख्य तरजीह बनकर रह गया है। यही वजह है कि इन दिनों नगर के चौक-चौराहों सहित गली मोहल्ले में भैया भए कोतवाल तो अब डर काहे का वाली कहावत लोगों के जुबान पर चरितार्थ हो रही है।

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