विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस कार्यक्रम में मंत्री दयालदास बघेल और यशवंत जैन ने की शिरकत

(भानु प्रताप साहू)
भाजपा द्वारा नगर भवन में आयोजित किया गया कार्यक्रम
बलौदाबाजार। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर जिला भाजपा द्वारा नगर भवन, बलौदाबाजार में कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं कैबिनेट मंत्री दयालदास बघेल, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग सदस्य एवं सहवक्ता यशवंत जैन, जिलाध्यक्ष डॉ. सनम जांगड़े, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार से विजय केशरवानी, पूर्व विधायक प्रमोद शर्मा के गरिमामय आतिथ्य में आयोजित हुआ।प्रस्तावना पूर्व विधायक व भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. सनम जांगड़े ने रखी, विषय का प्रतिपादन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार के सदस्य विजय केशरवानी ने रखा। कैबिनेट मंत्री एवं मुख्यवक्ता दयालदास बघेल ने संगोष्ठी अवसर बताया की जिनके कभी पटरियों पर ख्वाब दौड़ाने के सपने थे, पटरियों ने ही ख्वाब का जहां छीन लिया… जी हां, यह दर्द भरी आवाज है उन लाखों विस्थापितों की, जिन्हें विभाजन का दंश झेलना पड़ा और अपनी मातृभूमि को छोड़कर जाना पड़ा। अंग्रेजों की मंशा थी कि भारत के दो टुकड़े कर दिए जाएं। वे अपनी मंशा में कामयाब भी रहे। भारत के दो टुकड़े हो गए और पाकिस्तान नाम के दूसरे देश का जन्म हुआ। श्री बघेल ने आगे कहा की 14 अगस्त 1947… यह वह तारीख है, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। एक तरफ देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति मिल रही थी तो दूसरी तरफ इसकी कीमत देश के विभाजन के रूप में मिल रही थी। विभाजन के परिणाम स्वरूप लाखों लोग बेघर हो गए। उन्हें रातों-रात पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा। कई लोग तो ऐसे भी रहे, जिन्हें आजादी की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। भारत के लिए यह विभाजन किसी विभीषिका से कम नहीं थी। इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अगस्त 2021 को यह एलान किया कि हर साल अब 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा। मैं इस हेतु उनका आभार करता हूं जिससे आज की युवा पीढ़ी को यह दुःखद दृश्य और जानकारी मिलेगी।
राष्ट्रीय बाल कल्याण आयोग के सदस्य एवं सह वक्ता यशवंत जैन ने कहा की भारत का विभाजन अभूतपूर्व मानव विस्थापन और मजबूरी में पलायन की दर्दनाक कहानी है। यह एक ऐसी कहानी है, जिसमें लाखों लोग अजनबियों के बीच एकदम विपरीत वातावरण में नया आशियाना तलाश रहे थे। विभाजन के बाद लगभग 60 लाख गैर-मुसलमान उस क्षेत्र से निकल आए, जो बाद में पश्चिमी पाकिस्तान बन गया। विभाजन के समय 65 लाख मुसलमान पंजाब और दिल्ली आदि के भारतीय हिस्सों से पश्चिमी पाकिस्तान चले गए थे। 20 लाख गैर-मुसलमान पूर्वी बंगाल, जो बाद में पूर्वी पाकिस्तान बना, से निकलकर पश्चिम बंगाल आए। 1950 में 20 लाख और गैर-मुसलमान पश्चिम बंगाल आए। दस लाख मुसलमान पश्चिम बंगाल से पूर्वी पाकिस्तान चले गए। विभाजन की विभीषिका में मारे गए लोगों को आंकड़ा पांच लाख बताया जाता है, लेकिन अनुमानित आंकड़ा पांच से 10 लाख के बीच है। कई लोग तो भुखमरी से मर गए। विभाजन की विभीषिका में अपने प्राण गंवाने वाले और विस्थापन का दर्द झेलने वाले लाखों भारत वासियों को शत-शत नमन!
जिला महामंत्री कृष्णा अवस्थी ने संगोष्ठी कार्यक्रम का संचालन किया एवं आभार प्रदर्शन कार्यक्रम के वरिष्ठ सदस्य धनंजय साहू ने किया।
इस अवसर पर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य टेसूलाल धुरंधर, नपा अध्यक्ष चित्तावर जायसवाल, पूर्व नपा अध्यक्ष अशोक जैन, धनंजय साहू, नरसिंह भूतड़ा, श्रीमती नीलम सोनी, श्रीमती सुनीता वर्मा, अनिल बघेल, रितेश श्रीवास्तव, आलोक अग्रवाल, खोडश कश्यप, द्वारिका वर्मा, मेलाराम साहू, छतराम साहू, संकेत शुक्ला, विजय यादव, शशि शुक्ला, राजेश वर्मा, ईशान वैष्णव, पुरुषोत्तम साहू, शिवशंकर अग्रवाल, अनुपम बाजपेई, प्रशांत यादव, हेमंत बघमार, संजू पटेल, अभिषेक तिवारी, राहुल सोनी, परेश वैष्णव, संजय श्रीवास, श्रीमती सत्यभामा साहू, सोहन साहू, कुश केडिया, कपिल कश्यप, कृष्णा सेन, श्रीमती संतोष शर्मा, वासु ठाकुर, कमल टंडन, तरुण वर्मा, घनश्याम भारती, नेतराम साहू, आदित्य बाजपेई, विकास अग्रवाल, मानस सेन, डी आर साहू, तरुण केशरवानी, किशन रजक, श्रीमती सरिता मार्के, महेंद्र सलूजा, सपन केशरवानी, नरोत्तम बघेल, राजकुमार बंजारे, मोहम्मद जिलानी, गणेश बघमार, शबा खान, शिवनरेश मिश्रा, नरेश भट्टर, वेदांत रजक सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और नागरिक गण मौजूद रहें।