ग्राम में नवरात्रि के पावन पर्व पर जंवारा विसर्जन धूमधाम से मनाया गया

(मिथलेश वर्मा)

सुहेला। ग्राम में नवरात्रि के पावन पर्व पर जंवारा विसर्जन का कार्यक्रम अत्यधिक धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया गया। यह धार्मिक आयोजन ग्रामवासियों के लिए विशेष महत्व का था, क्योंकि इस दौरान न केवल माता रानी के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित की जाती है, बल्कि गांव के समाजिक और सांस्कृतिक जीवन का भी यह एक अहम हिस्सा है।

इस कार्यक्रम में सैकड़ों महिला और पुरुषों ने जावरा धारण कर अपनी-अपनी श्रद्धा का प्रदर्शन किया। जावरा धारण करने के बाद सभी लोग क्रमबद्ध तरीके से चलने लगे। इस भव्य आयोजन का मुख्य आकर्षण भक्तों का जंवारा सिर पर धारण कर कतार में चलना था वह भी खुला पैर तपती धूप में , जो ग्राम की सड़कों से होते हुए मुख्य महामाया माता चौक पर एकत्रित हुई। जावरा धारण किए हुए लोग, विशेष रूप से महिलाएं और पुरुष, कतार में चलते हुए अपने माता रानी के प्रति अपनी श्रद्धा को प्रकट कर रहे थे। इस दौरान, मांदर की थाप पर ग्राम के बुजुर्गों और युवाओं ने ‘माता रानी की सेवा’ के भक्ति गीत गाए, जिससे वातावरण पूरी तरह से भक्ति और आस्था से भरा हुआ था।

ग्रामवासियों ने इस धार्मिक उत्सव को लेकर अपनी पूरी श्रद्धा अर्पित की। जैसे ही लोग महामाया माता चौक पर एकत्रित हुए, उन्होंने माता रानी की जयकारों के साथ पूजा अर्चना शुरू की। फिर, वे धीरे-धीरे सतबहिनीय माता मंदिर की ओर बढ़े, जहां पर नारियल और धूप से पूजा का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने मंदिर में मां की पूजा की और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए माता से आशीर्वाद मांगा। पूजा के बाद, जावरा का विसर्जन ग्राम के बड़े तालाब में किया गया।

इस धार्मिक आयोजन में ग्रामवासियों की भारी भीड़ जुटी थी। तपती धूप में भी श्रद्धालु अपनी भक्ति में लीन थे और भक्ति गीतों के साथ नाचते-गाते हुए तालाब तक पहुंचे। जंवारा विसर्जन की यह यात्रा एक धार्मिक और सामाजिक उत्सव बन गई, जिसमें ग्रामवासियों ने मिलकर माताजी के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को सार्वजनिक रूप से प्रकट किया।

नवमी के इस पावन पर्व पर जंवारा विसर्जन का आयोजन न केवल धूमधाम से हुआ, बल्कि यह एक शांति और सौहार्द का संदेश भी दे गया। गांव के सभी लोग इस कार्यक्रम में बड़े श्रद्धा भाव से शामिल हुए और पूरी प्रक्रिया को शांतिपूर्वक सम्पन्न किया। विसर्जन स्थल पर उपस्थित ग्रामीणों ने अपनी भावनाओं का आदान-प्रदान किया और माता रानी की भक्ति में सेवा गीतों और नृत्य के साथ इस अद्वितीय आयोजन का आनंद लिया।

कार्यक्रम के दौरान, जहां एक ओर धार्मिकता की भावना थी, वहीं दूसरी ओर ग्रामवासियों के बीच एकता और सौहार्द का प्रतीक भी देखने को मिला। लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर इस पर्व को मनाते हुए अपने समाजिक रिश्तों को भी मजबूत कर रहे थे।

इस प्रकार, ग्राम में नवरात्रि के इस जंवारा विसर्जन कार्यक्रम ने एक ओर उदाहरण प्रस्तुत किया कि धार्मिक आस्था, समाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर को किस तरह से बड़ी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जा सकता है। सभी ग्रामवासी इस आयोजन का हिस्सा बने और माता रानी के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित की, जिससे यह पर्व खास और अविस्मरणीय बन गया।