‘Operation Sindoor’: कुशीनगर में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की गूंज: 17 नवजात बेटियों का नाम ‘सिंदूर’

‘ऑपरेशन सिंदूर’ का22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले में आतंकियों ने चुन-चुनकर पुरुषों को निशाना बनाया, जिससे कई नवविवाहित महिलाओं का सुहाग उजड़ गया। इस कायराना हरकत के जवाब में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इस ऑपरेशन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद मॉनिटर किया था, और इसका नाम ‘सिंदूर’ उन महिलाओं के सम्मान में रखा गया, जिनके पतियों को आतंकियों ने छीन लिया।
कुशीनगर में देशभक्ति की अनूठी मिसाल कुशीनगर के परिवारों ने इस सैन्य कार्रवाई को अपने तरीके से सम्मानित किया। पडरौना के मदन गुप्ता की बहू काजल गुप्ता ने अपनी नवजात बेटी का नाम ‘सिंदूर’ रखा। madन ने बताया, “जब से सेना ने पहलगाम में मारे गए लोगों का बदला लिया, तब से हमारी बहू का मन था कि बेटी का नाम ‘सिंदूर’ रखें। यह नाम हमें उस ऐतिहासिक दिन को हमेशा याद रखने और उत्साह के साथ मनाने की प्रेरणा देगा।”
इसी तरह, भठही बाबू गांव के व्यासमुनि ने भी अपनी बेटी का नाम ‘सिंदूर’ रखा। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि हमारी बेटी में साहस और देशभक्ति की भावना हो। यह नाम उसे बड़ा होकर भारत माता की सेवा के लिए प्रेरित करेगा।”
कुशीनगर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने बताया कि पडरौना की प्रियंका देवी सहित कई अन्य माताओं ने भी अपनी बेटियों का नाम ‘सिंदूर’ रखने का फैसला किया।
सोशल मीडिया पर ‘सिंदूर’ की गूंज सोशल मीडिया पर भी कुशीनगर के इस कदम की खूब चर्चा हो रही है। एक यूजर ने लिखा, “कुशीनगर ने दिखा दिया कि ‘सिंदूर’ अब सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि एक भावना है।” दूसरे ने कहा, “यह देशभक्ति की सच्ची मिसाल है।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ता को दिखाया, बल्कि कुशीनगर जैसे छोटे शहरों में भी देशप्रेम की लहर पैदा की। 17 नवजात बेटियों का नाम ‘सिंदूर’ रखना इस बात का प्रतीक है कि भारत का हर नागरिक अपनी सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। यह घटना आने वाली पीढ़ियों को भी देश के लिए बलिदान और साहस की कहानी सुनाएगी।