अतिक्रमण कार्रवाई पर पत्थलगांव नगर पालिका कर्मचारियों को गरीब ठेलेवालों ने भगाया, दूसरी तरफ अतिक्रमण को लेकर परिषद में मचा हंगामा – नाराज पार्षद बैठक से निकले बाहर

(बबलू तिवारी)

पत्थलगांव। नगर पालिका की अतिक्रमण कार्रवाई को लेकर शहर में विरोध और नाराजगी दोनों ही स्तर पर देखने को मिली। एक ओर नगर पालिका की टीम जब गरीब ठेले-खोमचे वालों पर कार्रवाई करने पहुंची, तो ठेलेवालों ने विरोध करते हुए कर्मचारियों को बैरंग लौटा दिया। ठेलेवालों का आरोप था कि नगर पालिका प्रशासन सिर्फ कमजोर तबके पर सख्ती दिखाता है, जबकि प्रभावशाली लोगों के पक्के अतिक्रमण पर सीएमओ की मेहरबानी बरकरार रहती है।



 

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि शिकायतों के बावजूद सीएमओ और नगर प्रशासन रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाई से बचते हैं और हर बार मामले को तहसीलदार या राजस्व विभाग का विषय बताकर टाल देते हैं। इसके उलट, गरीब ठेलेवालों और रेहड़ी वालों पर तत्काल कार्रवाई की जाती है, जिससे लोगों में गहरी नाराजगी है।

 

वहीं, दूसरी तरफ बिना अनुज्ञा के पक्का निर्माण कर अतिक्रमण किए जाने के मुद्दे पर नगर पालिका परिषद की बैठक में भी जमकर हंगामा हुआ। मिली जानकारी के अनुसार, बैठक में विपक्षी और निर्दलीय पार्षदों ने सीएमओ पर बगैर अनुज्ञा निर्माणों पर कार्रवाई न करने और जनहित कार्यों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। विवाद बढ़ने पर नाराज पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया और बाहर निकल गए। हालांकि बाद में सत्ता पक्ष के पार्षदों ने उन्हें मनाकर बैठक में वापस बुलाया।

 

शहर में अब चर्चा है कि नगर पालिका की कार्रवाई का निशाना आखिर सिर्फ गरीब ही क्यों बन रहे हैं, जबकि पक्के अतिक्रमण करने वालों पर प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।

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