समस्याओं से घिरा है आत्मानंद स्कूल: आत्मानंद स्कूल में है समस्याओं का अंबार, यहां कैसे बच्चे गढ़ेंगे अपना भविष्य

(करन साहू)
बिलाईगढ़। ब्लॉक मुख्यालय बिलाईगढ़ में स्थित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल इन दोनों मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। यहां मूलभूत सुविधाओं की अभाव के चलते छात्र छात्राओं के साथ शिक्षक शिक्षिकाओं को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे तो यह शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है लेकिन स्कूल में जो सुविधा बच्चों को मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पा रही है। स्कूल के प्राचार्य नरेंद्र कुमार साहू ने जिला कलेक्टर धर्मेश साहू को पत्र देकर मूलभूत सुविधाओं के लिए मांग किया है लेकिन अब तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई है । कुछ दिन पहले ही शिक्षण सत्र 2024 की शुरुआत हुई है अब स्कूलों में धीरे-धीरे समस्या बढ़ती जा रही है। बात करें बिलाईगढ में स्थित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी और हिंदी माध्यम विद्यालय की तो यहां करीब 1000 बच्चे अध्यनरत है लेकिन बच्चों के अनुपात में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है प्राचार्य नरेंद्र साहू का कहना है कि यहां चौकीदार और चपरासी की समस्या, किचन सेड की समस्या, पानी की समस्या, प्रसाधन कक्ष की समस्या, बाउंड्री वॉल की समस्या, पार्किंग की समस्या समेत अन्य कई समस्याओं का अंबार है।
चतुर्थ श्रेणी के पूरे के पूरे पद खाली
मिली जानकारी के अनुसार यहां हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यम में चतुर्थ श्रेणी वर्ग के कर्मचारी चपरासी और चौकीदार का 10 पद है और पूरे 10 के 10 पद खाली है जिसकी वजह से स्कूल का ताला खोलना के साथ ही साथ साफ सफाई और अन्य कार्यों के लिए खुद प्राचार्य और शिक्षक शिक्षिकाओं को चपरासी का कार्य करना पड़ रहा है। साथी चौकीदार नहीं होने की वजह से इस स्कूल में बीते दिनों चोरी जैसे घटना भी हो चुकी है जिसका एफआईआर बिलाईगढ़ थाने में दर्ज है।
माध्यम भोजन बनाने में समस्या
इस स्कूल में तीन महिला स्व सहायता समूह के महिलाओं के द्वारा बच्चों के लिए मध्यान भोजन बनाया जाता है लेकिन किचन सेड नहीं होने की वजह से काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिस स्थान में खाना बनाया जाता है वहा से आग का धुवा क्लास रूम में सीधा जाता है जिससे पढ़ने में बच्चो को परेशानी होती है । साथ ही बच्चों को जमीन में बैठकर खिलाने में भी परेशानी हो रही है क्लासरूम में ही महिला स्व सहायता समूह के महिलाओं के द्वारा बर्तन एवं अन्य सामानों को रखा जा रहा है। बीते दिन ही महिला स्व सहायता समूह के चावल की बोरी को भी अज्ञात चोरों के द्वारा चोरी कर ले गया। किसके साथ ही बड़ी संख्या में स्कूल में कबाड़ का भी सामान रखा है जिसकी वजह से भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है शाला विकास समिति के गठन नहीं होने की वजह से इन सामानों को भी बिक्री करने में समस्या हो रही है । बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उन सभी समस्याओं का समाधान करना अति आवश्यक है अब देखने वाली बात होगी की खबर दिखाई जाने के बाद शासन प्रशासन इस ओर कब तक ध्यान देती है ।